शिक्षा के मन्दिर में हो रहा है यौन शोषण और हमारे बच्चे हो रहे हैं इसका शिकार तो अपनी आवाज बुलंद कर इस तरह की घटनाओं को दीजिए मुँहतोड़ जवाब।न्यूज पेपर और टी वी में आये दिन हम बाल यौन शोषण की खबरें देखते और सुनते हैं। बच्चों के साथ यौन शोषण की घटनाएं बढ़ रही हैं यह समस्या समाज के लिए चिंता का विषय है। हाल ही में उत्तम नगर केन्द्रीय विद्यालय के छात्र के मौत का मामला सामने आया । पहले यह मौत तो पानी की टंकी में डूबने से हुई ऐसा कहा जा रहा था । पर पोस्टमार्टम रिपोर्ट से खुलासा हुआ कि बच्चे के साथ यौन दुरचार किया गया और फिर बाद में हत्या करकर उसे पानी की टंकी में डाल दिया गया जिससे यौन शोषण का खुलासा न होसके। दूसरी घटना हरियाणा के बल्लभगढ़ की है जहां आदर्श विद्यालय की दो छात्राओं को टीचर द्वारा अगवा कर यौन शोषण किया गया और बाद में छात्राओं को छोड़कर टीचर फरार हो गया। छात्राओं ने बताया कि अध्यापक ने फेल करने की धमकी देकर ड़ेढ साल से यौन शोषण कर रहा था। एक खबर हरियाणा के दुर्जन पर की मीडिया में छायी रही जहां दो टीचर ने ढात्रा को फेल कर देने और नम्बर कम कर देने की धमकी दे उनका यौन शोषण कर रहे थे। और मामला तब सामने आया जब लड़की गर्भवती हो गयी। और बाद में पता चला कि इसी तरह १६ छात्राओं के साथ उसी टीचर ने दुर्व्यवहार किया था।
गुरू शिष्य की परम्परा पर एक धब्बा लग गया है । इस तरह की घटनाओं ने हमारे समाज में एक विकृति को जन्म दिया है । और ऐसा नहीं कि केवल यह सारी घटना में शिकार लड़कियां ही है बल्कि की लड़के भी यौन दुराचार के शिकार हो रहे हैं। हमारा सामाजिक ढ़ाचा ही कुछ ऐसा है जहां पर इस तरह की घटनाओं को छिपाने की कोशिश की जाती है। एक तो सामाजिक बुराई और दूसरा नाते रिश्ते दार में बेज्जती इत्यादि समस्या इस घटना को बढ़ा रहे हैं । पुलिस की भी कोशिश होती है कि मामला सुलझ जाये । पर मेरा तो यही मामना है कि जो परिवार ऐसी घटनाओं से पीड़ित है वह खुलकर सामना करें न कि मामले को दबायें अन्यथा कोई और भी इन लोगों का शिकार होगा।
गुरू शिष्य की परम्परा पर एक धब्बा लग गया है । इस तरह की घटनाओं ने हमारे समाज में एक विकृति को जन्म दिया है । और ऐसा नहीं कि केवल यह सारी घटना में शिकार लड़कियां ही है बल्कि की लड़के भी यौन दुराचार के शिकार हो रहे हैं। हमारा सामाजिक ढ़ाचा ही कुछ ऐसा है जहां पर इस तरह की घटनाओं को छिपाने की कोशिश की जाती है। एक तो सामाजिक बुराई और दूसरा नाते रिश्ते दार में बेज्जती इत्यादि समस्या इस घटना को बढ़ा रहे हैं । पुलिस की भी कोशिश होती है कि मामला सुलझ जाये । पर मेरा तो यही मामना है कि जो परिवार ऐसी घटनाओं से पीड़ित है वह खुलकर सामना करें न कि मामले को दबायें अन्यथा कोई और भी इन लोगों का शिकार होगा।
2 comments:
hridaya vidarak
अफसोसजनक....दुखद....
प्रभावी एवं विचारणीय आलेख!!
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