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Friday, September 19, 2008

प्यार,इश्क और मोहब्बत पर चर्चा ? आप क्या मानते हैं यह सही या गलत ? अपने तर्क दें। ग्रेटर नोएडा की घटना पर आमराय क्या है?


इज्जत के नाम पर फिर से हत्या का मामला सामने आया है । प्यार की सजा जान देकर पूरी करनी पड़ी । एक १८ साल की लड़की और उसके प्रेमी को पीट - पीट कर मार डाला गया। और बाद में निर्ममता से दोनों के शवों को आग के हवाले कर दिया।
ऐसी घटनाएं हमारे समाज को शर्मसार कर रहीं है , तमाम शोर होने के बाद भी यह सिलसिला रूकने का नाम नहीं ले रहा है। सिर्फ गांवों में ही नहीं अपितु शहरों में भी ऐसी घटनाए घटित हो रही है। इससे तो एक बात साफ हो जाती है कि ये घटनाएं हमारे समाज में और दूसरी घटनाओं का हौसला बढ़ा रही हैं। इस तरह की घटनाएं न हो इसके लिए सख्ती की जरूरत है , इस घटना को मामूली नहीं समझा जाना चाहिए। और आरोपियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए।
प्यार करना गुनाह लगता है और वो भी जब प्रेमी एक ही जाति के ना हो। क्यों अपने ही मां बाप अपने बच्चों के फैसले पर इतना अविश्वास करते है । प्यार की सजा किसी की जा तो नहीं हो सकती? हमारा समाज आखिर कब इन रूढियों से मुक्ति पायेगा । यहां प्यार को इतना तुक्ष क्यों समझा जाता है? बदलाव कहीं नहीं है ? कहने को हम शिक्षित है पर हमारे वैचारिक सोच में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है । केवल अंकपत्र ही शिक्षा का मानदण्ड नहीं है । जरूरत है तो सोच बदलने की । हमको खुद में यह परिवर्तन लाना होगा , ऐसी समस्या यदि आप के साथ या परिवार या आस-पास हो तो कोशिश ये रहे कि ऐसी घटना का रूप न लें । आखिर क्या गलत है प्यार करना बतायें आप सब ? और है तो क्यों? जबकि हम वयस्क होने पर अपने फैसले कर सकते हैं। तो यह गुनाह क्यों?

6 comments:

अविनाश वाचस्पति said...

इंसान और इंसानियत से उपर कुछ भी नहीं है और जान तो किसी की भी नहीं ली जानी चाहिए। रास्‍ते और भी बहुत हैं समाधान के। पर जीवन किसी का नहीं छीना जाना चाहिए। चाहे वो आपका अपना दुश्‍मन ही क्‍यों न हो। जबकि ये तो अपने ही थे फिर भी इतना घातक परिणाम। मुझे यह कभी रुचिकर नहीं लगा कि किसी ने गलती की तो आपने गलता कर दिया। इस प्रतिक्रिया को मैं गलता ही कहूंगा। हमें धैर्य और विवेक से काम लेना चाहिए और किसी की जान तो किसी भी परिस्‍थ‍िति में नहीं लेनी चाहिए।

Udan Tashtari said...

अफसोसजनक एवं दुखद घटना.

CG said...

शर्मनाक! दहशतनाक!

महेन्द्र मिश्र said...

dukhad or afasosajank.

अफ़लातून said...

सामाजिक विकृति की द्योतक घटना ।

BS said...

ऐसी घटनाओं का विरोध करना बहुत आसान है, लेकिन जब अपने पर गुजरती है तब पता चलता है कि क्या सही है और क्या गलत। अक्सर ऐसी घटनाओं के विरोध के नाम पर उच्छ्रंखलता, व्यभिचारिता, अनैतिकता, अवैध संबंधो को स्वीकार करा जा रहा है। क्या आप अपने बच्चों को अवैध सेक्स संबंध बनाने की छूट सिर्फ इसलिये दे देंगे कि अब आप मोडर्न कहलायेंगे। क्या हमारी परंपराये, सभ्यता, संस्कृति कुछ भी नहीं है?

दिल पर हाथ रख कर विरोध कीजिये।