क्यों चमन में बहार का आना
बन्द हो गया,
क्यों फूल से खुशबू
अलग हो गई ?
कि फूल खिलते थे जहां
क्यों कांटों का आशियाना हो गया
बस एक बार तो
उठाया था
गलत राहे शौक से
फिर जिंदगी आजमाने लगी
मुझे हर कदम पर
चाहता बहुत हूँ तुम तक पहुँचना
पर दूर
बहुत दूर
तेरा
आशियाना हो गया।
बन्द हो गया,
क्यों फूल से खुशबू
अलग हो गई ?
कि फूल खिलते थे जहां
क्यों कांटों का आशियाना हो गया
बस एक बार तो
उठाया था
गलत राहे शौक से
फिर जिंदगी आजमाने लगी
मुझे हर कदम पर
चाहता बहुत हूँ तुम तक पहुँचना
पर दूर
बहुत दूर
तेरा
आशियाना हो गया।
1 comment:
क्यों चमन में बहार का आना
बन्द हो गया,
क्यों फूल से खुशबू
अलग हो गई ?
कि फूल खिलते थे जहां
क्यों कांटों का आशियाना हो गया
bhaawpuran panktiyan hai..photo bhi sunder
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