मेरा काव्य - " आज तुम्हारा जवाब आया "
आज तुम्हारा जवाब आया
जिंदगी की उदासी को
खत्म पाया
ये सिलसिला कायम है
और रहेगा
मेरे महबूब
यूँ ही हमेशा
प्यार मेरा रंग लाया,
उम्मीद के दामन में
मैं हूँ पला
तुम्हारे बिन हूँ अकेला
राहे रौशन नहीं बिन तेरे
है
दिल में यादों का मेला
खुश होना
क्या है
मालूम हुआ
जब आज तुम्हारा जवाब आया
11 comments:
bahut sunder kavita
humne bhi iskq ka pace maker lagaya he
gaur pharmaye
regards
bahut sunder kavita
humne bhi iskq ka pace maker lagaya he
gaur pharmaye
regards
प्यार बनेगा इक झमेला
इक तू ही नहीं अकेला
प्यार के तो पर लगे हैं
सुर्खाब के रंग खिले हैं
अब जवाब तू भी भेज
मन मा सज रही सेज
वो भी तेज तू भी तेज
अब तक है सबसे तेज
काव्य में जगह जगह पर योग्य अल्पविराम या पूर्णविराम चिन्ह का प्रयोग होना जरुरी होता है, नहीं तो भाव बदल शकते है-जैसे की
राहे रौशन नहीं बिन तेरे
है
दिल में यादों का मेला
यहाँ - है- ऊपर की पंक्ति में जायेगा या नीचे यह स्पष्ट नहीं होता|
कविता के भाव अच्छे लगे|
खुश होना
क्या है
मालूम हुआ
जब आज तुम्हारा जवाब आया
सुंदर कविता
बहुत सुन्दर एहसास।
खुश होना
क्या है
मालूम हुआ
जब आज तुम्हारा जवाब आया
dua hai meri roj khush rahie
:)
अच्छी लगी आपकी यह रचना
ek sakaaratmak soch hai is rachna men.
sundar kavita.
एक खुब सुरत एहसास
खुश होना
क्या है
मालूम हुआ
जब आज तुम्हारा जवाब आया.......
ati manmohak rachna
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