मरा हुआ इंसान
कितना शांत लगता है
चेहरे का पीलापन
सूरज की पहली किरण
सा दिखता है
शरीर
शांत मूरत लगता है
मृत्यु अन्त है
इंसान का
पर
एक नयी शुरूआत
सा लगता है
मुंह की स्थिरता से
एक योगी सा दिखता है
मरा हुआ इंसान
कितना सुंदर दिखता है ।
कितना शांत लगता है
चेहरे का पीलापन
सूरज की पहली किरण
सा दिखता है
शरीर
शांत मूरत लगता है
मृत्यु अन्त है
इंसान का
पर
एक नयी शुरूआत
सा लगता है
मुंह की स्थिरता से
एक योगी सा दिखता है
मरा हुआ इंसान
कितना सुंदर दिखता है ।
3 comments:
अच्छा लिखा है आपने...
बाप रे मरे हुये इंसान को देख कर मुझे तो यही लगता है कि मै भी एक दिन ऎसे ही लेटुगां, फ़िर पता नही...
धन्यवाद एक अच्छी कविता के लिये
मरा हुआ इंसान मुझे तो ज़िंदगी का सबसे संजीदा सवाल लगता है।
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