जलता है एक दिया रोशनी के लिए
प्यासी हो जमीं जैसे पानी के लिए
आती है जब याद दिल से उनकी
बहता है एक आसूँ आंखो से मेरी,
उनका न मिलना तो दस्तूर होगया
क्या उनका प्यार यूँ ही मजबूर हो गया
चाहत अभी भी दबी है दिल में उनके
एतबार तो है उनपे , अभी इजहार है बाकी ।।
2 comments:
क्या बत है, अति सुन्दर
धन्यवाद
बहुत अच्छा लिखा है !
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