खिली धूप मेरे जीवन में ,
आने से तुम्हारे ,
मैं अकेला था ,
जाने से तुम्हारे ,
खामोश थी धड़कन
उदास था ये जीवन ,
आगयी रंगत इसमें,
किया तुमने इसे रौशन ,
आसन नहीं होता खुद को पाना,
राहें थी मुश्किल ,
और था उसी पर जाना ,
हुआ ये खेल किस्मत का ,
जो मिली तुम,
आसान है कुछ भी अब ,
मुमकिन कर पाना ,
ढूढ़ता था एक अजनबी साथी मैं,
इस जमाने में
जाने कहां से आयी तुम ,
मेरे जीवन को करने रोशन ,
पाया है मैंने तुममें ही
एक नया जीवन ।
आने से तुम्हारे ,
मैं अकेला था ,
जाने से तुम्हारे ,
खामोश थी धड़कन
उदास था ये जीवन ,
आगयी रंगत इसमें,
किया तुमने इसे रौशन ,
आसन नहीं होता खुद को पाना,
राहें थी मुश्किल ,
और था उसी पर जाना ,
हुआ ये खेल किस्मत का ,
जो मिली तुम,
आसान है कुछ भी अब ,
मुमकिन कर पाना ,
ढूढ़ता था एक अजनबी साथी मैं,
इस जमाने में
जाने कहां से आयी तुम ,
मेरे जीवन को करने रोशन ,
पाया है मैंने तुममें ही
एक नया जीवन ।
5 comments:
इस जमाने में
जाने कहां से आयी तुम ,
मेरे जीवन को करने रोशन ,
पाया है मैंने तुममें ही
एक नया जीवन
bahut acchi rachana
regards
neesooji, naya jivan mil gaya, aish keejiye. ek achhi rachna.
अच्छी कविता
pyaar ka jeevan me yahi sthaan hota hai,bahut achha likha hai.........
बहुत उम्दा, बहुत बढिया.
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