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Monday, October 13, 2008

मेरा काव्य - " एक नजर से "


एक नजर से दिखता है आतंक ,
एक नजर से दिखता है आंसू ,
एक नजर से दिखता है सच,
एक नजर से दिखती है बुराई,
एक नजर से दिखता है प्यार,
एक नजर से दिखती है मासूमियत,
एक नजर से दिखती है दरार,
एक नजर से दिखता है संसार,
एक नजर से दिखती है आशा,
एक नजर से दिखती है उम्मीद,
एक नजर से दिखती है राह,
एक नजर से दिखती है जिंदगी,
एक नजर से ही दिखती है नजर,
ये तो एक नजरिया है देखने का
कि
एक नजर क्या देखती है ?

4 comments:

डॉ .अनुराग said...

उफ़ ये नजर !

roushan said...

जी भर के देखिये एक नजर देखने से बहुत कुछ छूट जाता है
बहुत खूब लिखा है आपने

PREETI BARTHWAL said...

क्या नजर है!!!
बहुत खूब, देखते रहिए।

Pramendra Pratap Singh said...

आपतो कयामत ढा रहे हो