१-
क्या आप पेड़ पर चढ़ सकते हो?
क्या आप संजीवनी बूटी ला सकते हो ?
क्या सीना चीर के दिखा सकते हो ?
नहीं ना ।
बेटा बंदर जैसी शक्ल होने से
कोई हनुमान नहीं होता । समझे
२-
खामोश रात ,
नदी का किनारा ,
प्रेमी ने प्रेमिका से
प्यार से,
हौले से,
मुस्कुराते हुए ,
पूछा
डार्लिंग - बीड़ी पिओगी?
8 comments:
बहुत अच्छा लिखा है. बधाई.
यही करना पड़ेगा
खुले आम पीने पे तो बेन लग गया है :)
बहुत ही अच्छा लगा
धन्यवाद
बेटा बंदर जैसी शक्ल होने से
कोई हनुमान नहीं होता । समझे
bahut hi achchha vyang,padhkar maja aa gaya.
bahut khub:)
बहुत सही.
चकाचक
मजेदार बेहतरीन
वीनस केसरी
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