ज़िन्दगी में चन्द लम्हे होते कितने असरदार।
जो बदलकर रक्ख देते हैं किसी जीवन की धार।।
जग में लाता एक लम्हा लेके संग खुशियां अपार।
एक लम्हा मौत लाता, छूटते नाते हज़ार।।
प्यारा सा इक लम्हा आता, ज़िन्दगी में लेके प्यार।
संग लाता दूसरा लम्हा जुदाई की बयार।।
एक लम्हा गुज़रा ऐसा ज़िन्दगी में नागवार।
मैं खड़ा देखा किया, लम्हे ने छीना मेरा यार।।
था बनाया एक लम्हे ने कभी शायर, गँवार।
एक लम्हे ने सिखाया, ज़िन्दगी का कारोबार।।
प्रस्तुति - पंकज तिवारी
12 comments:
BAHUT HI SUNDAR AUR PRABAAHSHALI GAZAL
DERO BADHAIYIAAN
VIJAY
था बनाया एक लम्हे ने कभी शायर, गँवार।
एक लम्हे ने सिखाया, ज़िन्दगी का कारोबार।।
waah behad asardaar,sunder
बहुत खूब एक लम्हा ही ज़िन्दगी का रंगबदल देता है
लम्हे की महिमा है अपरम्पार....बहुत अच्छा लिखा है आपने...राही शहाबी जी की लम्बी नज़्म "लम्हा" याद आ गयी...
नीरज
ग़ज़ल दर ग़ज़ल। एहसास दर एहसास। सुकुन दर सुकुन।
था बनाया एक लम्हे ने कभी शायर, गँवार।
एक लम्हे ने सिखाया, ज़िन्दगी का कारोबार।।
बहुत खूब!!!!
ज़िन्दगी में चन्द लम्हे होते कितने असरदार।
जो बदलकर रक्ख देते हैं किसी जीवन की धार।।
जग में लाता एक लम्हा लेके संग खुशियां अपार।
एक लम्हा मौत लाता, छूटते नाते हज़ार।।
बहुत ही बढ़िया अभिव्यक्ति। जीवन की सच्चाई को बयां करती हुई गजल । बधाई
bahut khoob , aapki ye kavita.
zara gaur karen.
lamha-lamha jud bani hai zindgi
lamhe-lamhe men kare ja bandgi
lamha lamha hai bahut hi keemti
lamhe lamhe men chhupi hai raushni
bahut khoob , aapki ye kavita.
नीशू जी,
देरी के लिये मुआफी चाहूंगा. आपकी प्रतिक्रियाओं ने मेरा हौंसला बढाया है. आपके मीडीया समूह पर आकर अच्छा लगा.
पंकज जी की एक लम्हे में सिमटी हुई जिन्दगी की पैरवी अच्छी लगी. कुछ तो बहुत ही खूब कहा है मसलन " था बनाया एक लम्हें ....... सिखाया जिन्दगी का करोबार "
होली पर रंगभरी बधाईयाँ आप सभी को.
मुकेश कुमार तिवारी
बढ़िया है, निशु भाई
लगे रहिये लगाए रहिये
ग़ज़ल की महफ़िल जमाये रहिये
बहुत बढ़िया!
घुघूती बासूती
ज़िन्दगी में चन्द लम्हे होते कितने असरदार।
जो बदलकर रक्ख देते हैं किसी जीवन की धार।।
जग में लाता एक लम्हा लेके संग खुशियां अपार।
एक लम्हा मौत लाता, छूटते नाते हज़ार।।
लम्हों कि कैफियत किस खूबी से बया कि है आपने
यु ही आगे बढातेरहे ये कदम
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