''आगे बढ़ना है''
जीवन यात्रा में
अनेक पड़ाव
कठिन भी आयेंगे
हमें डिगना नहीं है
सब दिन
एक से नहीं होते
यह समझना है
आज छाँव है तो
कल धूप भी होगी
आज हारें है तो क्या
कल जीत भी होगी
दुर्भाग्य पर जीत
सौभाग्य की होगी
भले ही नकारे जाऒ आज
मगर कल
स्वीकारिता भी होगी
जीवन बड़ा लंबा है
निरंतर चलना है
हर मुश्किले
हल अपने साथ लाती हैं
यह समझना है
इसीलिये निडरता से
रौशनी का मार्ग बनाते
चलना है, आगे बढ़ना है
प्रस्तुति-
कवि विनोद बिस्सा
6 comments:
bahut sundar rachna sir ji .
bahut sundar rachna sir ji .
wah sir ji protsahan deti hai ..man me lo jata di aapne ...kuch sikhine ko mila ..
ati uttam sir....
bahut achcha likha hai shreeman,
nirantar aage badhane ki prerna deti hai aapki ye kavita
ताऊ ji ...बहुत सटीक लिखा है आपने
Post a Comment