शहीद दिवस भगत सिंह की कुर्बानी की याद दिलाता है , २३ मार्च का दिन रहा जब ये वीर युवा देश की स्वतंत्रता के लिए कुर्बानी दी ,फांसी पर लटके । आज याद कर फिर अगले २३ मार्च तक भूल जायें । यही है भगत सिंह की कुर्बानी और कुछ इस तरह से याद करते हैं । ऐसे शहीदों की कुर्बानी तभी सफल है जब उनके विचार और आदर्शों को जिंदा रखें जिससे भगत सिंह को भूलने की जरूरत ही न पड़े । शत शत नमन ऐसे वीरों को ।
5 comments:
शत शत नमन
जय हिंद , जय भारत
कोटि -कोटि प्रणाम ।
जय हिंद ।
जय हिंद...
शत-शत नमन मार्का श्रद्धांजलि के बजाय उनके विचारों से रिश्ता जोड़ने की जरूरत है। सांप्रदायिकता,पूंजीवाद, साम्राज्यवाद से कैसे लड़े,सोचना जरूरी है। वर्ना तो रंग दे बसंती जैसी भ्रष्ट फिल्म भी भगत सिंह के नाम पर ही बना दी जाती है।
भगत सिंह देश के लिए, हम सब के लिये कुरबान हुये मेरा उन्हे नमन है, लेकिन हम ने उन के इस अहसान के बदले क्या वो ही किया जो वो चाहते थे, कही हम सब एहसान फरोस तो नही इन शहीदो के, जो आजादी इन होने अपनी जान पर खेल कर हमे दिलाई क्या हम उस की सही हिफ़ाजित कर रहे है.
मेरी तरफ़ से भगत सिंह जी को श्रद्धांजलि
धन्यवाद
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