एक तरफ अमेरिका के राष्ट्रपति ओबामा पाकिस्तान और अफगानिस्तान की साझा नीति प्रस्तुत कर रहें हैं तो दूसरी तरफ पाकिस्तान में मौत की नींद में लोग सो रहें हैं ।चरमपंथी हमले ने नाक में दम कर रखा है । पाकिस्तान के क़बायली इलाक़े ख़ैबर एजेंसी में एक मस्जिद पर हुए आत्मघाती हमले में कम से कम 50 लोग मारे गए हैं।
आतंकवाद का बढ़ता यह फैलाव किसी सरहद और सीमा की बंदिशे तोड़ चुका है । अब इन हमलों को अमेरिका या फिर रूस के साथ मध्य एशिया के देश किस तरह से नीति बना कर इस आतंक का जवाब दे पायेगें । साथ ही ओबामा की यह नीति कितनी कारगर होगी आने वाले दिन बतायेंगें । अमेरिका के ४००० सैनिक अफगानिस्तान भेजें जायेगें । जबकि पहले से १७००० अमेरिकी सेना तैनात है । अब तालिबान का विरोध बम हमले से ही किया जायेगा । इसका निशाना अभी पाक और अफगान ही होगा । पता नहीं कितनों को जान देना होगा ?
3 comments:
आगे आगे देखिए होता है क्या!!!!!!!!
अमेरिका का लडला कुत्ता जो है, शायद अब पागल हो चुका है....
अब तो वक़्त ही बताएगा की आगे क्या होगा , हम आप तो बस अनुमान ही लगा सकते है .पर यह मासूम जनता के साथ अच्छा नहीं है .
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