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Monday, March 2, 2009

गायब बच्चों की खबर नहीं.........दिल्ली से गायब हुए २५०० नन्हें मुन्हें


भारत में बच्चों के अपहरण की खबरें तो आती रहती हैं लेकिन निठारी काण्ड के बाद से बच्चों के अपहरण को कुछ गम्भीरता से लिया जाने लगा ।
हाल ही में एक संगठन द्वारा दिल्ली में गायब हुए बच्चों की संख्या २५०० के ऊपर बताया है । पुलिस भी कुछ ऐसी ही तस्वीर दिखाती है अपहरित बच्चों की। पूर्वी दिल्ली के कोण्डली गांव से एक साथ ६ बच्चे गायब होते हैं ।इस घटना पर पुलिस का रवैया कुछ सकारात्मक नहीं रहा । पुलिस ने कहा - बच्चे खाना न पाकर भाग जाते हैं या फिर प्रेम संबधों का मामला होता है जबकि बच्चों की उम्र ४ से लेकर १४ साल तक है ।

आखिर ये गायब बच्चे जा कहां रहें हैं ? क्या कोई ग्रुप है इसके पीछे ? तमाम ऐसे सवाल सामने आते है अपहरण पर । सड़क पर भीख मांगते या फिर वेश्यावृत्ति के धंधे में इनको धकेला जा रहा है । इन बच्चों का उपयोग हो सकता है कि ड्रग्स और तस्करी में हो रहा हो । इस तरह के कई आकलन लगाये जा सकते हैं।


जिस भी तरह से सरकार और पुलिसका रवैया है उससे यह इनकार नहीं किया जा सकता है कि एक और निठारी सामने आये । अनके गलत कामों में ढकेला जा सकता है इन मासूमों को । जो कि देश हित में नहीं होगा । इस मामले को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। जिससे इनका बचपन और जिंदगी दोनों सवर सके।

6 comments:

Anonymous said...

चिंताजनक बात है। पर सरकार के सरोकार चुप।

आशीष कुमार 'अंशु' said...

नीशू इन सबका हल क्या है?

ghughutibasuti said...

आज के इन्टरनैट के जमाने में यह बात आश्चर्यचकित करती है कि देश के हर थाने में खोए बच्चों के फोटो नहीं हैं क्या? क्यों ये बच्चे मिलते नहीं ? स्लमॉग का विरोध तो हम करते हैं परन्तु क्या कोई कोशिश करता है कि कौन बच्चों से भीख मंगवा रहा है? कहीं ये ही खोए हुए बच्चे तो नहीं हैं?
घुघूती बासूती

Anonymous said...

gaayab bachche
shasan ki suvidhaaon me rakhe jaane ke liye bal sampreshan grahon ko bheje jaate hain vahaan inhe rakhne par ye bachche jhooth kaa sahaaraa liyaa karte hain
khair police apnaa kaam karti hai , samaajsevi bhi lage rahte hain magar kyaa kuchh gujaraa hotaa hai pataa nahi kai laaptaa vapas milte nahi

udvelit karne ka dhanywaad

Udan Tashtari said...

अचरज हुआ सुन कर-दुखद.

राज भाटिय़ा said...

काफ़ी समय पहले सुना था कि दुबई बगेरा मे इन बच्चो को बेचा जाता था, ऊंटो की दोड के लिये, अब भगवान ही जाने क्या बीत ती हो गई इन गरीबो पर