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Saturday, March 14, 2009

ई मेल, ई ग्रीटिंग्स, ई बैंकिंग, ई बुकिंग, ई टिकट तो सुना है पर क्या कभी ई सिगरेट सुना है ?


ई सिगरेट, सामान्य सिगरेट का मैकाट्रॉनिक रूप है ये एक उपकरण है। यह सामान्य सिगरेट जैसी ही दिखती है लेकिन उससे थोड़ी लम्बी होती है । जो हिस्सा मुंह में दबाया जाता है उसमें एक कार्टरेज होती है जिसमें निकोटीन और प्रॉपेलिन ग्लाइकोल का तरल भरा रहता है । बीच का सफ़ेद हिस्सा एटमाइज़र होता है और सामने के सफ़ेद हिस्से में बैटरी लगी होती है । जब व्यक्ति इससे कश लेता है तो सैंसर, हवा के बहाव को पहचान लेता है । फिर एटमाइज़र, निकोटीन और प्रॉपेलिन ग्लाइकोल की नन्ही नन्ही बूंदों को इस हवा में फेंकता है । इससे जो वाष्प का धुंआ तैयार होता है उसे व्यक्ति भीतर खींचता है और उसे लगता है कि वह सचमुच की सिगरेट पी रहा है ।


तंबाकू पीने से ई सिगरेट पीना बेहतर बताया जाता है क्योंकि सामान्य सिगरेट में तंबाकू जलने से जो हानिकारक तत्व पैदा होता है वह ई सिगरेट में नहीं होता । लेकिन क्योंकि इससे निकोटीन शरीर में जाती है इसलिए नुकसान तो होता ही है.

2 comments:

Manish Kumar said...

इस नई जानकारी के लिए शुक्रिया !

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" said...

बहुत ही रोचक जानकारी प्रदान की आपने...