झारखंड एक तरफ तो नक्सल समस्या से जूझ रहा है साथ ही अशिक्षा और गरीबी जैसी कई समस्याएं वहां हैं । एक साहसिक घटना और दर्दनाक हादसे का केन्द रहा झारखण्ड ।
झारखंड में पाकुड़ ज़िले के एक गाँव में लोगों ने चार डकैतों की पीट-पीट कर हत्या कर दी । जबकि आठ डकैतों को ज़िंदा जला दिया। सारे डकैत सुंदरपुर गाँव में एक व्यक्ति के यहाँ डकैती के इरादे से आए थे । डकैती से पहले ही इनका एक बम फट गया जिससे गाँव वाले जग गए । गाँव वालों ने डकैतों पर धावा बोल दिया । चार ने मौके पर ही दम तोड़ दिया जबकि आठ गाँव के पास ही खाली पड़े एक घर में घुस गए । क्रुद्ध ग्रामीणों को इसकी जानकारी हो गई और गाँव वालों ने इस घर को आग के हवाले कर दिया ।
गांव की जनता का आक्रोश इस कदर बढ़ा की तुरंत ही फैसला करना उचित समझा । यह घटना एक तरह से एक संदेश का कार्य करेगी या नहीं यह आने वाली घटनाओं से ही पता चलेगा । शासन और प्रशासन का कुछ भी प्रभाव नहीं दिखता इस राज्य में । कभी नक्सल हमला तो कभी ऐसे डाकुओं का हमला । जनता किसी तरह से सुरक्षित नहीं दिखती । जान की कोई कीमत ही नहीं । जब जहां मन आये दो-चार को ढ़ेर कर दो । आज ये गांव वाले बच गये हैं कल के दिन शायद कुछ और भी दृश्य हो सकता है । केन्द्र सरकार की तरफ से कोई ठोस कदम कभी भी न उठाया गया । सिवाय निंदा के अलावा जबकि इससे कुछ खास फर्क न होले वाला है ।
3 comments:
जब लोग एकजुट हों तो डाकू या नक्सली क्या कर सकते हैं? एकजुटता का अच्छा उदाहरण है यह- उन्हें बधाई।
जनता का आक्रोश बहुत ही भयानक होता है .
चलो अच्छा हुआ, और १२ जाने संसद जाने से बच गए.
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