पल भर में सब सपने बिखर गये ,े
वादे से वो अपने मुकर गये.
जो साथ निभाने की करते थे बातें,
कुछ पल में ही बिछ़ड गये।।
क्यों आश बधाई जीने,
क्यों साथ दिया कुछ पल का.
अब आश जगी जब जीने की,
तो बाीच राह में ही छोड़ दिया ।
आखिर ये नया जमान था ,
अनका ये खेल पुराना था,
हम राही थे अनजानें,
हर मोड़ पे धोखा खाना था।
मैनें समझा था जिसको अपना,
वो तो बेगाना निकला,
और की बात क्या करते,
जब मैने न खुद कोजाना,
अब चाह नहीं मुझको जीने की ,
बस बात यही अब करता हूँ,
अपनों ने ही जब दगा दिया ,
तो गैरों की खता कहां ?
8 comments:
पल भर में सब सपने बिखर गये ,े
वादे से वो अपने मुकर गये.
जो साथ निभाने की करते थे बातें,
कुछ पल में ही बिछ़ड गये।।
komal man ke bhav bahut achchhe se utare hai kagaj par
man ko chhu gaye
yu hi likhate rahiye
Regards
very good poem i think it is touch of heart it is very good.
भाई बहुत दिनों के बाद इक अच्छी रचना का दर्शन हुआ हैं...
लेकिन कुछ बातो पे मैं प्रकाश डालना चाहता हूँ...
अनका (उनका ) ये खेल पुराना था,
जब मैने न खुद कोजाना ( को जाना ),
अब चाह नहीं मुझको जीने की ,
और ऊपर की दो line में कुछ तालमेल की कमी दिख रही हैं....
उम्मीद हैं की हैं आगे से इन बातो पे ध्यान रखेंगे ...
नवीन
''धोखा तो खाना था''॰॰॰॰॰॰॰॰॰ नीशू जी यह बहुत अच्छी रचना है मन को भा गई॰॰॰॰ आपकी कविता पढ़कर चार लाईने आपको समर्पित हैं जो मैंने अभी लिखी हैं॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰
दिल की बात दिल को लगी है, अरमान हुए हैं चकनाचूर
पर भी वह समझ नहीं पाया, हम हैं अब इतने क्यों दूर
बात पते की बतलाता हूं, मत होना अब रुबरु तुम
कहलाना भले ही बेवफा, ना समझे वो वफा हो तुम
जीवन दर्शन पर आपका लेखन काबिले तारीफ है॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰शुभकामनायें॰॰॰॰॰॰
॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰विनोद बिस्सा
सुन्दर लिखा है-
आखिर ये नया जमान था ,
उनका ये खेल पुराना था,
हम राही थे अनजानें,
हर मोड़ पे धोखा खाना था।
अपनों ने ही जब दगा दिया ,
तो गैरों की खता कहां ?
Don't write these type of poetry /Kivita. It will increase the untruest among relationship. write the poetry by which we can increase or inculcate the values in the society.
dhokha human behaviour nahi hai.
this is due to misunderstanding
Surendra Pathak
कविता का भाव अच्छा है शब्द रचना भी सुंदर है टाइप करने के बाद एक बार फिर से पढ कर सुधारने की आदत डालिये । सब यही करते हैं ।
नीशू बहुत सुन्दर रचना है...शुक्रिया
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