क्यों कोई दिल को छू जाता है,
क्यों कोई अपनेपन का अहसास दे जाता है,
छूना जो चाहो बढ़ाकर हाथ ,
क्यों कोई साये सा दूर चला जाता है ै।
सब बहुत अपना पन जताते हैं,
खुद को हमारा मीत बताते हैं।
पर जब छाते हैं काले बादल,
क्यों वे धूप से छाँव हो जाते हैं।
कोई बता दे उन नाम के अपनों को,
ये दिल दिखने में श्याम ही सही ,
पर दुखता तो है,
हम औरों की तरह ना सही
पर बनाया तो उसने आप सा ही है।।
1 comment:
क्यों कोई दिल को छू जाता है,
क्यों कोई अपनेपन का अहसास दे जाता है,
छूना जो चाहो बढ़ाकर हाथ ,
क्यों कोई साये सा दूर चला जाता है ै।
kitana sach hai ye or aapne saralta se shabdo me bad diya
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