क्यों चमन में बहार का आना बंद हो गया ,
क्यों फूल से खुशबू अलग हो गई,
खिलते थे फूल जहाँ,
क्यों काँटों का आशियाना हो गया ,
बस एक बार तो उठाया था
गलत राहे शौक से,
फिर जिंदगी आजमाने लगी मुझे हर कदम पर,
चाहता बहुत हूँ तुम तक पहुँचना
पर दूर बहुत दूर तेरा आशियाना हो गया .
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