जन संदेश
Saturday, September 1, 2007
विखरती हुई परम्पराएं
विगत दिनों में हमारे सामने एक ऐसी घटना उजागर हुई जिससे की पूरा देश शर्मसार हुआ । गुरू शिष्य की परम्परा पर एक दाग लग गया जिससे पवित्र रिश्ते की मजबूत डोर कमजोर पड़ गई। बात अरूणा आसफ अली मार्ग स्थित सर्वोदय विद्यालय की गणित विषय की शिक्षिका उमा खुराना द्वारा बच्चों को नशीली दवा देकर फिर उनकी ब्लू फिल्म बनाकर उनको ब्लैकमेल करके वेश्यावृत्ति के लिए मजबूर किया जाना तथा मामला सामने आते ही वहां के आसपास के लोग तथा बच्चों के मां बाप का जमवाड़ा लग जाने से स्कूल विरोधी गतिविधि शुरू हुई भीड़ ने जमकर तोड़फोड़ किया। इस प्रकार घटना में कई लोग को चोटें आयी ।
परन्तु यहां पर महत्तपूर्ण एवं ध्यान देने की बात यह है कि शिक्षा के मन्दिर में नन्हें बच्चों के साथ ऐसा व्यवहार ? जहां से तैयार होता है भारत का भविष्य एवं युवा सोच।
भारत का इतिहास गवाह रहा है कि भारत में गुरू शिष्य परम्परा सदियों से वली आ रही है पर ऐसा क्या बदलाव आया कि एक शिक्षिका को इस हद तक के कुकर्म करने के लिए अपने को गिराना पड़ा ।माना की पैसा जीने के लिए आवश्यक है पर गलत कार्यों को बढ़ावा देकर ऐशोआराम कहाँ तक उचित है?
इतना ही नहीं पूरी दिल्ली में इस रैकेट का जाल फैला है तो इसका मतलब यह भी है की इस धन्धे में और लोग भी शामिल है? पर कौन है पता नहीं, वैसे ये काम पुलिस का है पर आप को पता है कि ये सब पुलिस के ही बल से होता है । अब देखना है कि परदे के पीछे के लोगों को बाहर लाया जाता है या फिर वही की ये अपने पैसे के दम पर फिर पाक साफ रह जायेंगे अगर हम प्रशासन की बात मानें की सच्चाई सामने आयेगी तो हो सकता है कि उन मासूमों को न्याय मिल सके तथा उनकी मुस्कान वापस देखने को मिले जिसकी सम्भावना बहुत कम ही है क्योंकि पुराने आकड़े हमें विश्वास न करने पर मजबूर करते है।
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3 comments:
खबर पढ कर दिल दहल गया -- शास्त्री जे सी फिलिप
हिन्दी ही हिन्दुस्तान को एक सूत्र में पिरो सकती है.
इस विषय में मेरा और आपका योगदान कितना है??
यदि यह सच है तो बहुत भयावह सच है । जब हम बच्चों को अनजान , मासूम रखने के स्वप्न देखते हैं तो इन सच्चाइयों के विषय में भी सोचना चाहिये । और अपने बच्चों को ऐसी स्थितियों से निपटने और घरवालों को बताने के बारे में सिखाना चाहिये ।
घुघूती बासूती
bahut achcha likha aapne
sach me ladkhdate samajik riste ko samay ke nazar se badlana hi hoga.
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