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Friday, August 31, 2007

हंसगुल्ले


आज के इस व्यस्त जिन्दगी मे हंसना भी जरूरी है सो पेश है कुछ हंसगुल्ले आपके लिए------------

१- दो व्यक्ति मरने के बाद यमलोक पहुँचे। वहाँ पहुँचकर पहले ने दूसरे से पूछा-'तुम कैसे मरे थे?'
दूसरा व्यक्ति बोला- ' क्या बताऊं यार मैंने अपने घर में चोर को घुसते देखा था । जब मै घर में अंदर पहुचा, तब तक चोर कहीं छिप गया। मैंने उसे कहां -कहां नही खोजा पर वह मिला नहीं। इसी हैरानी से मैं मर गया।'
इस पर पहले व्यक्ति ने कहा-' अरे यार तुम अगर फ्रिज खोल के देख लेते, तो न मैं मरता और न तुम। हा----
२- मोहन- मैं ऐसी जोशीली कहानी सुना सकता हूँ कि सिर के बाल खड़े हो जाय।
सोहन -तो उस गंजी को सुनाओ ।
३- ग्राहकः यह मच्छरदानी कितने की है।
दुकानदारः सौ रूपये की। साहब, इसमें कोई मच्छर नहीं घुस सकता ।
ग्राहकःमुझे नहीं लेनी। जब इसमें मच्छर नहीं घुस सकता , तो मैं कैसे घुस सकता हूँ।
४-राजेश- सुशील सेः यार, आज तो मैं सारा पेपर खाली ही दे आया हूँ । एक प्रश्न भी नही हल किया।
सुशीलः मूर्ख यह क्या किया तूने? अब निरीक्षक यहीं समझेगें की तूने मेरी नकल की है।
५- बराती दूल्हे को घोड़ी पर रस्सी से बाधकर ले जा रहे थे। एक व्यक्ति ने पूछा- जनाब इसको रस्सी से क्यों बांध रखा है?
एक बाराती बोलाः यह दूल्हा असल में भिखारी है। जब भी कोई पैसे फेंकता है, तो यह घोड़ी से उतर कर पैसे बटोरने लगता है

1 comment:

Udan Tashtari said...

हा हा हा!!!!!!!!! बहुत सही...और लाओ...ऐसे ही!!!! कब लाओगे, जरा बताओ!!!