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Wednesday, August 22, 2007

मरने का किसे है गम ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

मरने का किसे है गम ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,



नामचीन हस्तियों की जिन्दगी का दस्तूर भी अजीब है। मरने से पहले और बाद दोनों ही सूरतों में उनकी चर्चा बनी रहती है। जिस पर उनकी मौत यदि विवादस्पद परिस्थितियों में हुई हो, त्रासदीपूर्ण हो अथवा दर्दभरी हो तो कहना ही क्या ? जीवन में जिस पब्लिसिटी के लिए वो लालायित रहते हैं, मृत होकर उन्हें सहज ही मिल जाती है। अब सेलेब्रटी माडल अन्ना निकोल स्मिथ को ही ले लीजिए। उनकी आकस्मिक मृत्यु ने उन्हें अमेरिका में ही नहीं दुनिया भर में प्रसिद्दी दिला दी है। अन्ना की चर्चा के चर्चे, ओप्रा विंफे जैसी प्रभावशाली हस्ती की लोकप्रियता को भी पछाड रहे हैं। गौरतलब है कि मरने के उपरान्त स्मिथ पर होने वाली इन्टरनेट सर्चेज ने ओप्रा के बाबत होने वाली ने सर्च को २५ के मुकाबले १ से बहुत पीछे छोड दिया है। यानी जीवन-मरण की इस लडाई में एक मृत सेलेब्रटी ने जीवित हस्ती को चुनौती दे डाली है।
इन्टरनेट सर्चेज में विगत कई वर्षों से अपनी बादशाहत कायम रखने वालीं ओप्रा को भले हि इस तख्ता पलट में कोई दिलचस्पी न हो, परन्तु उक्त रिसर्च मानवीय स्वभाव के अजीबोगरीब पहलू पर रोशनी डालती है। गौर फरमायें कि किसी भी हस्ती की मृत्यु पर, उस पर होने वाली इन्टरनेट सर्च में एकाएक इजाफा होता है। उदाहरण स्वरूप जान लेनन अपनी २५वीं पुण्यतिथि पर टाप १० मोस्ट सर्च्ड सेलेब्रिटी सूची में पहली पायदान पर पहुच गये थे। आनलाइन लोकप्रियता में मार्लिन मुनरो की जीवनरेखा भी सबसे लम्बी मानी जाती है।

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