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Wednesday, March 26, 2008

ख्वाब में ...........प्यार में .......

ख्वाब में ...........

इस ख्वाब की दुनिया से निकालो हमको,
हक तुम जो समझती हो तो अपना बना लो हमको।
वैसे भी बदनाम है हम इस जमाने में,
चाहो तो डूबो दो या तो बचा लो हमको।।



प्यार में .......
सारी-सारी रात जागता हूँ तुम्हारे प्यार में,
जिंदगी का हरपल काटता हूँ इंतजार मे।
आखिर बात तो होती है अब हर रोज ही,
फिर क्यों डरता हूँ तुमसे इजहार में।।

2 comments:

KRAZZY said...

Thanx,apne mere diye gaye topic ko is tarah se shabdon pr piroya hai ki koi bhi usme kho jayega.jo log pyaar ko ek mazak ki tarah lekar apni zindagi k haseen pal bekar guzaar dete hain kam se kam unhe is kavita se kuch seekh leni chahiye.Last but not not the least,keep it up.My best wishes r always wid u.

Udan Tashtari said...

बढ़िया.