जिस संस्कृति में पति-पत्नी अपने शयन कक्ष में भी दिया बुझा कर प्रेम करते थे, उसने क्या यूँ ही सेक्स-बाजार के सामने आत्मसमर्पण कर दिा? प्रतिरोध हुआ है पर बदलाव की लहर इतनी तेज थी कि तटबंध भी साथ में बह गये।
प्रथम विशेषांक में दादी मां वाला जो किस्सा बतायाबाताया है, भारत में उसी समय सेक्स बूम की सुरृआत हुई उस समय फिल्म में लडकियों को काम करने की खुली छूट नही थी पर उस समय फिल्म का गीत था " सेक्सी-सेक्सी लोउ मुझे बोले। इस गाने से हडंकंप मच गया तो गाने के बोल बदल कर "बेबी-बेबी लोग मुझे बोले कर दिया गया।
हालांकि सेक्सी-सेक्सी वर्जन सुनने को मिलता रहता है किसी की शर्ट सेकसी तो किसी की पैंट सेकए्सी। इसके बाद जो आंधी चली उसमें प्रतिरोध के दरख्त दखडँ गये। चौदह साल कि बेबी(कसिश्मा) जो आज बेबी को सेक्सी बना दिया गया। बात की जाय हिन्दी फिल्म "चीनी कम " की जिसमें एक आठ साल की चानी बच्ची का नाम ही सेक्सी रख दिया गया जो कि खैरा थी। आज सेक्सी होना एक खिताब हो गया है। हाल ही के बीते दिनों में बिपाशा बसु को एशिया की सबसे सेक्सी महिला का खिताब मिला और शहरुख खआन को सबसे सेक्सी पुरूष का दर्जा मिला तो इनके भआव बढँ गये।
2 comments:
नीशू बाबू पढ़ाई कैसी चल रही है?
Great article, liked it
Anju
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