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Thursday, September 6, 2007

स्टिंग आपरेशन कितना सही और कितना गलत ?


टी वी चैनलों ने आगे बढ़ने की होड़ में एक दूसरे से बेहतर एवं तीव्र गति से सूचना पहुचाने काम बहुत ही निष्ठापूर्वक कर रहे हैं । आजकल के समाचार चैनल में क्रान्ती आ गयी है । बर्चस्व की जंग छिडी है कि सर्वश्रेष्ठ कौन है?
टी वी चैनल के द्वारा आम जनता को जानकारी उपलब्ध कराना ही लक्ष्य होता है।सूचना बेहतर ढ़ग से मिल सके। तथा साथ ही साथ अपनी आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ कर सके। जिस तरह से पिछले साल सांसद को पैसे लेकर सवाल पूछने के मामले का पर्दाफाश हुआ है । उससे मीडिया का कार्य काफी महत्तवपूर्ण हो गया । इसके द्वारा भ्रष्ट लोगों को उनकी करतूत का फल आसानी से प्राप्त हो सका।
इसी तरह का प्रयास विदेशों मे हुआ। आपरेशन चक्रव्यूह भी इसी तरह का था। जिसमे सांसदों को एक दूसरे से अवैधानिक रूप से धन लेते दिखाया गया। अतः लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी ने अपने फैसले में सभी ११सांसदों की सदस्यता भंग कर दी।इस प्रकार समाचार चैनल द्वारा चलाये गये स्टिंग आपरेशन से सफेदपोश लोग गलत कामों की ओर नही जा रहे हैं या जो जा रहे है वो बहुत ही सावधानी पूर्वक । क्योंकि उन्हे यह डर है कि कहीं अगले दिन उनकी तस्वीर चैनकों के लिए एक्सक्लूसिब न्यूज के रूप मे हो सकती है। इस प्रकार से चैनलो द्वारा चलाया गया स्टिंग आपरेशन सफल रहे। सूचना एवं प्रद्दौगिकी के समय मर सबकुछ तीव्रगति से विकसित हो रहा हे तो ऐसे मे भला समाचार चैनल हओ क्यों पीछे रहते तथआ अपनी उपयोगिता साबित करते हुए न्यूज चैनल स्टिंग आपरेशन तक आ गये। जिससे चैनलो की मांग दर्शकों में बढी तथा चैनलो को भारी लाभ हुआ
स्टिंग आपरेशन से ये बात सामने आयी है कि उच्च स्तर पर लोग किस हद तक भ्रष्ट है तथा किस हद तक गिर कर वे भ्रष्टाचार को बढावा दे रहे है इस प्रकार अब हम यह भी कह सकते है कि ये आपरेशन कुछ हद तक सच्चाई सामने ला रहे है जिससे ये नकाबपोश लोग का असली चेहरा सामने आ रहा है।
परन्तु जिस चीज में अच्छाई होती है तो कुछ बुराई भी । हुआ ये की अभी कुछ ही दिन पहले एक शिक्षिका उमा खुराना के ऊपर वेश्यावृत्ति का आरोप लगा कर मीडिया ने स्टिग आपरेशन चलाया जिससे हिंसा भड़की लोग घायल हुए तथा पुलिस को भी कार्यवाही करनी पडी और शिक्षिका को गिरफ्तार कर लिया और सरकार ने जाँच समिति गठित की जिसकी रिपोर्ट में यह बताया गया है कि यह एक षडयन्त्र के रूप में था। मामला लेन देन का था। जो लडकी ने टी वी पर शिक्षिका के ऊपर वेश्यावृत्ति का आरोप लगा रही थी वो भी झूठ साबित हुआ।
अतः कुछ फायदे तो कुछ नुकसान भी।

3 comments:

Satyendra PS said...

maaje ki baat ye hai ki print wale khabron ko fallow bhi karte hain aur baad me paramparagat roop se kukur jhau- jhau bhee karte hain.

Sanjeet Tripathi said...

बढ़िया लिखा बंधु आपने और सत्येंद्र जी ने उस पे बिलकुल सही कहा है!!

राजीव जैन said...

अच्‍छा लिखा है बधाई