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Thursday, April 9, 2009

शक्ति सामंत हमारे बीच नहीं रहे - एक श्रद्धाजंली

हिन्दी फिल्म जगत में कई सुपर हिट फिल्म देने वाले चर्चित निर्माता शक्ति सामंत अपनी अंतिम यात्रा पर चल दिये सामंत पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे शक्ति दा ने मुंबई के शांताक्रूज में अपने निवास पर अंतिम सांस ली वही उनका अंतिम संस्कार किया जायेगा

शक्ति सामंत का जन्म 13 जनवरी 1926 को पश्चिम बंगाल के बर्धमान में हुआ था. उन्होंने कलकत्ता विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा ली। शक्ति सामंत अभिनेता बनने की हसरत लिये हुए मुंबई आये परन्तु सफलता जब नहीं मिली तो अध्यापक बन गये और फिर इसके कुछ समय बाद १९४८ में सहायक निर्देश के तौर पर आये इनके निर्देशन में बनी पहली फिल्म थी " बहू " ( १९५४ में ) शक्ति सामंत ने कटी पतंग,अमर प्रेम और आराधना जैसी सुपर हिट फिल्में दी जो आज भी लोगों की रूचिकर फिल्मों में एक है

शक्ति सामंत ने अपना प्रोडक्शन हाऊस " शक्ति फिल्मस " के नाम से १९५७ में खोला , इसके अन्तरगत पहली फिल्म बनी हावड़ज़ ब्रिज ।आराधना , अनुराग और अमानुष जैसी फिल्मों को खूब सराहा गया तथा फिल्म फेअर पुरस्कार से नवाजा गया शक्ति सामंत ने कुछ ४३ फिल्म का निर्देशन किया इनमें प्रमुख थी -कश्मीर की कली , चाइना टाउन, और इन पेरिस इन नाइट

आज शक्ति सामंत हम सबके बीच नहीं पर फिल्मों में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाता रहेगा शक्ति सामंत को श्रद्धाजंली

10 comments:

Udan Tashtari said...

श्रद्धांजलि!!

हिन्दी साहित्य मंच said...

शक्ति सामंत जी का हिन्दी फिल्म जगत में अहम योगदान दिया है । श्रद्धाजंली

निर्मला कपिला said...

भगवान उनकी आत्मा को शांती दे 1शर्द्धान्जली

mehek said...

shradhha suman aur naman bhi hamari aur se.

विवेक रस्तोगी said...

भावभीनी श्रद्धांजली।

महेन्द्र मिश्र said...

बहुत सटीक नारायण नारायण

आलोक सिंह said...

भगवान शक्ति सामंत जी की आत्मा को शांति प्रदान करे .

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

शक्ति सामन्त जी को
भावभीनी श्रद्धांजलि समर्पित करता हूँ।
परमपिता परमात्मा उनकी आत्मा को
सद्गति प्रदान करें।

संगीता पुरी said...

उन्‍हे श्रद्धांजलि !!

विजय तिवारी " किसलय " said...

जब से मैंने टीवी कि स्ट्रिप्स पर शक्ति दा के निधन कि खबर पढ़ी तब से ही लगातार वे मेरी यादों में बने हैं.
आराधना और कटी पतंग जैसी फिल्में उन्हें सदैव जीवित रखेंगी.
हमारी विनम्र श्रद्धांजली.