अनजाने रिश्ते का एहसास,
बयां करना मुश्किल था ।
दिल की बात को ,
लबों से कहना मुश्किल था ।।
वक्त के साथ चलते रहे हम ,
बदलते हालात के साथ बदलना मुश्किल था ।
खामोशियां फिसलती रही देर तक,
यूँ ही चुपचाप रहना मुश्किल था ।।
सब्र तो होता है कुछ पल का ,
जीवन भर इंतजार करना मुश्किल था ।
वो दूर रहती तो सहते हम ,
पास होते हुए दूर जाना मुश्किल था ।।
अनजाने रिश्ते का एहसास ,
बयां करना मुश्किल था ।।
7 comments:
खामोशियां फिसलती रही देर तक,
यूँ ही चुपचाप रहना मुश्किल था ।।
मीठी मधुर लगी आपकी यह रचना ..सुन्दर अभिव्यक्ति
बहुत बढ़िया रचना.
वो दूर रहती तो सहते हम ,
पास होते हुए दूर जाना मुश्किल था ।।
waah bahut sunder
बहुत अच्छी रचना
सब्र तो होता है कुछ पल का ,
जीवन भर इंतजार करना मुश्किल था ।
बेहद सुन्दर भाव । अच्छी रचना के लिए शुक्रिया बहुत बहुत आपको । धन्यवाद
वो दूर रहती तो सहते हम ,
पास होते हुए दूर जाना मुश्किल था ।।
वाह वाह क्या बात है जी, बहुत सुंदर.
धन्यवाद
वाह। मशहूर शेर है-
दिल की बात लबों पे लाकर अबतक हम दुख सहते हैं।
हमने सुना था इस बस्ती में दिलवाले भी रहते हैं।।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।
कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
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