आज मुझे गोरखपुर एक मित्र की शादी में शरीक होने के लिए निकलना था । इसलिए सुबह पोस्ट कर ब्लाग से गायब हो गया । किसी को न पढ़ सका एक या दो पोस्ट को छोड़कर । अभी कुछ समय था जाने में तो सोचा कि ब्लाग की यात्रा की जाय । आज की पोस्ट " गरीबी का ही तो दुख है .....................मीडिया चर्चा " सुबह ही कर दी थी । कुल सात लोगों की प्रतिक्रिया आयी । सबसे आखिर में किसी मिथिलेश नाम के व्यक्ति ने मेरे इस पोस्ट पर गाली भरा संदेश देते हुए मेरी औकात बता रहे हैं । आखिर मेरी क्या औकात है यह मेरे लिए कभी विषय न रहा ।
ब्लागजगत में जिस तरह से ये गाली गलौज हो रही है वह बेहद चिंता का विषय है । मुझे कुछ दिन पहले भी एक ऐसा ही मेल प्राप्त हुआ था । जिससे मन विचलित हुआ था ब्लागिंग से । पर इस तरह का व्यवहार कितना उचित है । मैं उन भाई साहब को जानता तक नहीं । और फिर इस तरह की बातें अफशोशजनक है । क्या सही क्या गलत आप लोग भी समझते हैं ? ज्यादा कुछ न कहूँगा । अब जाना है तो निकलता हूँ । फिर वापस आकर फिर से नयी शुरूआत होगी । जितना भी लोगों को गाली देना हैं दें । ॐअब मैं क्या कर सकता हूँ ।
17 comments:
blog jagat me ab ye aam hone laga hai....aap likhte rahiye.....
नीशू जी आपका लेख "गरीबी का ही तो दुख है" पढ़ा अपने कुछ गलत नहीं लिखा है . जितने भी ये प्राइवेट कॉलेज है सब लाला की दुकान है कोई बड़ी दुकान कोई छोटी . बिना पैसे के शिक्षा मिलना बहुत ही मुश्किल है .
ये कोई कुत्ता अगर पागल हो जाये और लोगों को कटाने लगे तो उस कुत्ते को मार देना चाहिए.
आप लिखते रहे भौकने वाले ऐसे ही भौकते रहेगे .
आप ऐसी बातो पर ध्यान न दें। आप अप्ना लेखन ज़ारी रखे वो ज़रूरी है ब्लोग परिवार के लिये॥
आप यूँ ही लिखते रहे ...खामखाँ चिंतित ना हों .....लोगों का क्या है
आप लिखते रहिये, इन एकाध टिप्पणियों की परवाह न करें
ऐसे लोगों के लिए गूगल ने मोडेरेसन की सुविधा दी है ..उसका इस्तेमाल करें ..हम सब आपके साथ है.ऐसे लोग विकृत मानसिकता के होते हैं इन्हें नजरंदाज करें
किसी को भी अन्य की सफलता बर्दाश्त नहीं होती तो वह उस तरह की प्रेशर टैक्टिस शुरू करता है सफल व्यक्ति हतोत्साहित हो जाय। इसलिए ऐसे टिप्पणियों से आप यह समझ लें कि आपकी सफलता से कोई जल रहा है। बस.... अपने काम में लगे रहिए:)
आदमी की भाषा बताती है कि उसके मां-बाप के संस्कार कैसे हैं।
जब अंगद ने सभा में पैर जमाया था, तो कई राक्षसों ने उसे गालियाँ देकर उकसाने का प्रयास किया था। लेकिन वह अंगद ही था जो डटा रहा। आप समझ ही गये होंगे कि मैं क्या कह रहा हूँ। :)
आप निश्चिंत होकर अपना कार्य कररते रहें...ब्लागिंग में इस प्रकार के वाकये अब तो सामान्यत: प्रतिदिन ही देखने को मिल रहे हैं.
ओर बेहतर ओर शानदार लिखिए सबसे बढ़िया जवाब यही है....
आपकी ही कोई पहचान का लगता है, किसी बात पर खार खाए बैठा है आपसे, शायद कोई पुराना साथी. क्योकि आपकी पोस्ट में तो कोई गाली देने लायक बात नहीं है, आपके ब्लॉग ने तो सिर्फ उसे अपनी भड़ास निकालने का मौका उपलब्ध करा दिया.
कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तबियत से तो उछालों यारों |
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आपकी कलम में वो ताकत कि एक बे समझ इंसान बोखला गया
आप अपनी लेखनी को विराम मत दीजियेगा ,
अभी तो रह में बहुत बड़े-बड़े पहाड़ आयेगे ........
aap likhte rahiye .aapko rokne kee koshis hai yah kutsit bhasha .yahee to vo chah raha hai .aur bedhadak likhiye yahee jabab hai .
आप लिखते रहिये, इन एकाध टिप्पणियों की परवाह न करें
gargi
aap accha likhte hai bas yahi baat hai
jo jaisa hota hai waisa hi karta hai aap toh mast likhte hai bahi ji
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