कल हो सकता है कि मेरी शादी हो जाये । क्यों कि कल वेलेटाइन डे जो है । इसलिए आप सब चकित न होइएगा।एक संगठन ने हमारी समस्या का समाधान कर दिया है । कल डेट पर जाना ही है और लगे हाथ शादी भी होने का आफर है वो भी रजिस्टर्ड । को क्या कर लेगा जो एक बार शादी हो गई तो । चलो अच्छा ही है इस बार का वेलेटाइन डे ।बिना खर्च ही सब कुछ निबट जाये । काश कल कैमरे और पुरोहित जी कि नजर हम पर जरूर पडे। मैं खुश हूँ और आप भी हमारी खुशी में शरीक हो सकते हैं पर कल ।
आधुनिक भारत में प्यार और फिर शादी बहुत कम ही देखने को मिलता है पर अब यह सब कुछ बहुत आसान लग रहा है । इस बार न लाठी और न ही लात घूसे बल्कि फूलों की माला से मनायेगें प्यार का दिन " वेलेटाइन डे "।अच्छे आफर की तलाश में सभी होते हैं पर मैं जितना खुश हूँ शायद ही कोई खुश होगा । मां को बहू , मूझे बीबी परिवार एकदम भरापूरा हो जायेगा ।
कैमरा कहां मिल जाये बस वही जगह तलाशेगें । अपनी दोस्त जो कि बीबी हो सकती है को यही बात मालूम हो जाये तो शायद वि न या फिर कोई बहाना कर दे । लेकिन जब बिन बताये यह सब होगा तो क्या बात होगी ?कितना मजा आयेगा इस नयी रस्म में । दहेज प्रथा और फिजूलखर्ची दोनों का निदान दिखता है बार वेलेटाइन डे में। मैं तो ऐसे अभियान चलाने वालों के साथ हूँ जो प्यार को रिश्ते की पायदान तक ले जा रहें हैं । हां बस दुख यही होगा कि साहस देने वाले बराती साथ न होगें और ये गाना न बजेगा " कि आज मेरे यार कि शादी है " ।
कुछ मिलेगा यही सोच कम का प्लान बनाया है । अब क्या किसी भाई कि कृपा होती है हम या नहीं ? देखते है कल । कुछ हो या न हो प्यार तो होगा ही । इजहार और इनकार के बीच हमारा प्रेम दिवस यानी वेलेटाइन डे पर आप फूले फले ऐसी हमारी कामना है ।
आधुनिक भारत में प्यार और फिर शादी बहुत कम ही देखने को मिलता है पर अब यह सब कुछ बहुत आसान लग रहा है । इस बार न लाठी और न ही लात घूसे बल्कि फूलों की माला से मनायेगें प्यार का दिन " वेलेटाइन डे "।अच्छे आफर की तलाश में सभी होते हैं पर मैं जितना खुश हूँ शायद ही कोई खुश होगा । मां को बहू , मूझे बीबी परिवार एकदम भरापूरा हो जायेगा ।
कैमरा कहां मिल जाये बस वही जगह तलाशेगें । अपनी दोस्त जो कि बीबी हो सकती है को यही बात मालूम हो जाये तो शायद वि न या फिर कोई बहाना कर दे । लेकिन जब बिन बताये यह सब होगा तो क्या बात होगी ?कितना मजा आयेगा इस नयी रस्म में । दहेज प्रथा और फिजूलखर्ची दोनों का निदान दिखता है बार वेलेटाइन डे में। मैं तो ऐसे अभियान चलाने वालों के साथ हूँ जो प्यार को रिश्ते की पायदान तक ले जा रहें हैं । हां बस दुख यही होगा कि साहस देने वाले बराती साथ न होगें और ये गाना न बजेगा " कि आज मेरे यार कि शादी है " ।
कुछ मिलेगा यही सोच कम का प्लान बनाया है । अब क्या किसी भाई कि कृपा होती है हम या नहीं ? देखते है कल । कुछ हो या न हो प्यार तो होगा ही । इजहार और इनकार के बीच हमारा प्रेम दिवस यानी वेलेटाइन डे पर आप फूले फले ऐसी हमारी कामना है ।
5 comments:
बच के रहना रे बाबा...
हमारा आशीर्वाद है।
प्रमोद मुतालिक और गुलाबी चड्डी अभियान चला रही (Consortium of Pubgoing, Loose and Forward Women) निशा (०९८११८९३७३३), रत्ना (०९८९९४२२५१३), विवेक (०९८४५५९१७९८), नितिन (०९८८६०८१२९) और दिव्या (०९८४५५३५४०६) को नमन. जो श्री राम सेना की गुंडागर्दी के ख़िलाफ़ होने के नाम पर देश में वेलेंटाइन दिवस के पर्व को चड्डी दिवस में बदलने पर तूली हैं. अपनी चड्डी मुतालिक को पहनाकर वह क्या साबित करना चाहती है? अमनेसिया पब में जो श्री राम सेना ने किया वह क्षमा के काबिल नहीं है. लेकिन चड्डी वाले मामले में श्री राम सेना का बयान अधिक संतुलित नजर आता है कि 'जो महिलाएं चड्डी के साथ आएंगी उन्हें हम साडी भेंट करेंगे.'
तो निशा-रत्ना-विवेक-नितिन-दिव्या अपनी-अपनी चड्डी देकर मुतालिक की साडी ले सकते हैं. खैर इस आन्दोलन के समर्थकों को एक बार अवश्य सोचना चाहिए कि इससे मीडिया-मुतालिक-पब और चड्डी क्वीन बनी निशा सूसन को फायदा होने वाला है. आम आदमी को इसका क्या लाभ? मीडिया को टी आर पी मिल रही है. मुतालिक का गली छाप श्री राम सेना आज मीडिया और चड्डी वालियों की कृपा से अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त सेना बन चुकी है. अब इस नाम की बदौलत उनके दूसरे धंधे खूब चमकेंगे और हो सकता है- इस (अ) लोकप्रियता की वजह से कल वह आम सभा चुनाव में चुन भी लिया जाए. चड्डी वालियों को समझना चाहिए की वह नाम कमाने के चक्कर में इस अभियान से मुतालिक का नुक्सान नहीं फायदा कर रहीं हैं. लेकिन इस अभियान से सबसे अधिक फायदा पब को होने वाला है. देखिएगा इस बार बेवकूफों की जमात भेड चाल में शामिल होकर सिर्फ़ अपनी मर्दानगी साबित कराने के लिए पब जाएगी. हो सकता है पब कल्चर का जन-जन से परिचय कराने वाले भाई प्रमोद मुतालिक को अंदरखाने से पब वालों की तरफ़ से ही एक मोटी रकम मिल जाए तो बड़े आश्चर्य की बात नहीं होगी. भैया चड्डी वाली हों या चड्डे वाले सभी इस अभियान में अपना-अपना लाभ देख रहे हैं। बेवकूफ बन रही है सिर्फ़ इस देश की आम जनता.
'हींग लगे ना फिटकरी रंग चोखा' इसी को तो कहते हैं। कोई कल पूरे दिन 'आज मेरे यार की शादी है का रिकॉर्ड बजाओ अभियान' क्यों नहीं आरम्भ करता?
घुघूती बासूती
shubhkamaye
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