शांत हो जाइये , प्लीज आप लोग शांत हो जाइये । पर कौन सुनता है लोकसभा अध्यक्ष की ये बात। टीडीपी के येर्रन नायडू आंध्र प्रदेश के मुद्दे पर खड़े थे। तो शोरगुल में पीएमके के ए.के.मूर्ति और कुछ अन्य सदस्य स्पीकर के सामने पहुँच गये।साथ ही बीएसपी के संसद एसटी,एससी मामले परनारेबाजी करने लगे। इसी व्यवहार पर अध्यक्ष जी नाराज हो गये । और कहा कि -"वे चुनाव हार जायें । जनता अपना फैसला सुनाएगी और सिखायेगी । जनता आप लोगों को देख रही है" ।
अध्यक्ष जी का श्राप - (उत्तेजित सदस्यों पर) जनता के धन में से आप लोगों को एक पैस भी नहीं मिलना चाहिए। सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया जाना चाहिए , ताकि आप जैसे लोगों पर जनता के धन के दुरपयोग को रोका जा सके । सबका व्यवहार निंदनीय है । आपको कड़ा सब सिखाया जाना चाहिए। उम्मीद है , देश की जनता आपको पहचानेगी और आने वाले चुनावों में' सही फैसला' करेगी ।
चाहे उत्तर प्रदेश विधान सभा हो या फिर आंध्र प्रदेश पर सदन में जो कुछ भी हुआ वह संविधानिक गरिमा के खिलाफ है । राज्यपाल पर कागज के गेंद बनाके फेंकना। या फिर स्पीकर के सामने जाकर प्रदर्शन करना । यह हमारी संसदीय पंरपरा के विरूद्ध है । और यदि लोकसभा अध्यक्ष ने ऐसा कहा तो वह बिल्कुल उचित है । संसदों को कोई मान मर्यादा की कोई परवाह ही नहीं । लोकतंत्रीय प्रणाली का दुरपयोग है पूरी पूरी तरह से । पर इस प्रजातंत्र में जाने क्या-क्या हो जाये वो भी कम है ।
1 comment:
यह दुखद है कि हमारी राजनीति में कोई सोमदा जैसा नहीं है।
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