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Friday, August 24, 2007

रेडियो एफ और युवा पीढी


रेडियो एफ और युवा पीढी
वर्तमान समय में रेडियो सम्पूर्ण भारत के साथ बडे शहरों की जरूरत बन गया है, हमारे देश मैं भैगोलिक विभिन्नताऐ होने के साथ सास्कृतिक विभिन्नताऐं है जहां पर २८ राज्यों में १८ भाषा विभिन्न लोकगीत एंव विभिन्न सस्कृतियां है इतनी विभिन्नताऐं होने के साथ सम्पूर्ण भारत एक है जिसका समावेश रेडियो एफ एम में प्रतिविम्बित है
एफ एम रेडियो एक सांस्कृतिक क्षेत्र का ,एक भाषा , एक सस्कृति का उस विशेष क्षेत्र की झलक दिखाता है जो भारत केविभिन्न शहरों में वहां की भाषा , संस्कृति के अनुभव अलग-२ है जैसे दिल्ली क्षेत्र के आधुनिक समाज, मुम्बई का मराठी समाज,म लखनऊ का नवाबी तहजीव, कोलकाता में बंगाली इस प्रकार एफ एम रेडियो विभिन्न शहरों में वहां की स्थानीयबोलचाल कीभाषा मैं कार्यक्रम पेश करता है।
इस प्रकार एफ एम रेडियो स्थानीय खबरें , स्थानीय भाषा मैं उस क्षेत्र के रहन सहन के साथ कार्यक्रम प्रस्तुत करता है।
इस कारण उस क्षेत्र के युवा वर्ग में वही संस्कृति आ रही है हमारे समाज मै युवा वर्ग की सोच बदलने से ही समाज बदलता है एफ एम रेडियो पर गीत संगीत के साथ युवा वर्ग सभ्यता को दर्शा रही है इसलिए एफ एम रेडियो युवा वर्ग के आचरण का निर्माता बन चुका है

1 comment:

मनीष वंदेमातरम् said...

bandhoo
ye ghatia sadkchhap item lana bnd kriye.
agr apko lgta hai k ap patrakarita me bde bde tir mar skte hai to kripya gmbhir muddo ko leke kucch gambhir chintn kriye.
jani bs klm utha lene se koi tismar kha nhi bn jata.

apko bura lga ho to lge,mai yhi chahta b tha. kyoki mai dil se chahta hu k ap ek honhar patrkar bne.