समस्याएं कई प्रकार से आज हम देखते हैं कुछ करने के बजाय चुप रहना ही बेहतर समझते हैं । दहेज प्रथा का प्रकोप हम सभी पर अपना जाल बिछाये हुए है । बड़ी अच्छी शादी हुई फलाने की लड़की की , अरे क्या क्या नहीं दिया ...............गाड़ी वो भी चार पहिया , बेड , टीवी , फ्रिज और भी न जाने क्या क्या ? अरे कैश का तो कुछ साफ साफ पता ही न चला । साथ ही खाने पीने का गजब का इंतजाम था । भई कुलमिलाकर मजा आ गया । सभी को विदाई भी अच्छी मिली साथ ही कलाई घड़ी भी देखों की मस्त लग रही है । कुछ ऐसा हो तो लोगों बहुत ही खुश रहते हैं और खूब गुणगान करते हैं ( अगर बराती के आव भगत में देरी होती है तो सब बेकार ) ।
हमारे पास ही एक बरात आयी कुछ दिनों पहले दहेज जो भी तय किया गया होगा लड़के वालों की तरफ से वह सब कुछ मान लिया था लड़की पिता ने । बारात आयी धूमधाम । द्वारपूजा के समय ही कुछ सुगबुगाहट होने लगी लड़केवालों की तरफ से बात धीरे धीरे शोर का रूप लेने लगी । सभी गणमान्य जन एकत्र होने लगे ।मामला समझने के लिए और सुलझाने के लिए । धीरे धीरे बात पता चली की बात दहेज पर अटकी है ( कैश न मिलने पर )
मामला शांत कराने की कोशिश की गयी पर बात न बनी । लड़के के पिता इस बात पर अड़े रहे कि जब तक हाथ में पैसा न होगा द्वार पूजा का सवाल ही नहीं उठता है , काफी कहा सुनी होती रही पर बात सुनने को कोई न तैयार । लड़की तक यह बात पहुँती है वह पुलिस थाने फोन कर सारा मामला बताती है । कुछ देर में थानेदार साहब बारात में शामिल होते हैं । दहेज लेने के जुर्म में दूल्हे के पिता , चाचा और दूल्हे को साथ ले जाते हैं । लड़की भी इस शादी से इनकार कर देती है बाराती वापस अपने घर ।
एक साहसिक प्रयास था उस लड़की का जिसने यह कदम उठाया पहले कुछ लोगों ने दुल्हन को जरूर गलत समझा पर इस तरह से लड़की एक संदेश जरूर दिया आसपास के लोगों को । मामला कुछ दिनों तक गर्मागरम बहस का बना रहा कि फला की लड़की ने ये कर दिया । उस लड़की ने भी सब के सामने कहा - हमका अइसे लड़का से बिआह नहीं करई क बा , बाबू तु जिन परेशान होआ "।
9 comments:
एक साहसिक प्रयास था उस लड़की का जिसने यह कदम उठाया पहले कुछ लोगों ने दुल्हन को जरूर गलत समझा पर इस तरह से लड़की एक संदेश जरूर दिया आसपास के लोगों को । मामला कुछ दिनों तक गर्मागरम बहस का बना रहा कि फला की लड़की ने ये कर दिया । उस लड़की ने भी सब के सामने कहा - हमका अइसे लड़का से बिआह नहीं करई क बा , बाबू तु जिन परेशान होआ "।
संस्मरण प्रेरणादायक है।
एक साहसिक प्रयास उस लड़की का था.
आपके आलेख को पढ़ कर लोग एक बार फिर से सोचने पर विवश होंगे .
- विजय
समाज में आज दहेज जैसी अनके समस्याएं है जिसको दूर करने के लिए इस प्रकार के कदम जरूरी हैं ।
इस से बहुतों को सबक लेना चाहिये.
प्रेरणादायक अनुकरणीय साहसी कदम. बहुत अच्छा.
sahi himmat dikhai
sahi himmat dikhai
bahut sahi kiya uss ladki ne .
iss tarah se hi ab kuch kiya jayega tab kuch prabhav ho sakta hai
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