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Thursday, November 29, 2007

सोचो मत खाये जाओ।

सोचो मत खाये जाओ।क्या आप को मालूम है कि भारत में ५० प्रतिशत लोग दिन में चार बार अस्वास्थ्यप्रद भोजन लेते हैं। जिसमें बिस्कुठ,चिप्स की भरमार होती है।इससे लगता है कि देश पेटू होता जा रहा है।६२ प्रति लोगों ने अस्वास्थ्य भोजन को 'आदर्श' नाश्ता बताया' ऐसे ज्यादा लोग बंगलूरू , चेन्नै , कोलकाता में हैं।७२ फीसदी लोगों ने फलों को सर्वश्रेष्ठ बताया ।लेकिन ११ फीसदी को बिस्कुट पसंद है ,और सिर्फ ६ फीसदी को फल।ऐसे तो लगता है कि लोग को बिस्कुट के कहर में आ गये हैं। दिल्ली और मुम्बई के ९० फीसदी लोग पौष्टिक खाना खाते है। बगलूरू, कोलकाता, चेन्नै में यह औसत २३ फीसदी का है।
हम परिवार और दोस्तों से बोर होने पर या पैकेट, प्लेट ,आकार और गंध के आकर्षण में ज्यादा खाते हैं ।खाना खतरा बनता जा रहा है।कोलकाता चिप्स की राजधानी है। तो बगलूरू नूडल्स में सबसे आगे है और चैन्नै बिस्कुट मामले में।५० फीसदी लोग अनियमित समय में चार बार खाते है इनमें सेहत के लिए हानिकारक नमकीन वगैरह की मात्रा ज्यादा होती है। दिल्ली में ६२ फीसदी लोग डिनर के बाद जंक फूड और कोलकाता में ९८ फीशदी उससे पहले जंक फूड का प्रयोग करते है।

1 comment:

राजीव तनेजा said...

अच्छी जानकारी....