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Monday, November 26, 2007

भारत में सेक्स शिक्षा


बदलते भारत के साथ ही कई क्षेत्रों में परिवर्तन हो रहें कुछ सही दिशा में और तो कुछ गलत दिशा में । ऐसे में जररूत है जागरूकता की। भारत विश्व का सबसे युवा देश होने का दावा करता है । पर इन युवा को यदि सही मार्गदर्शन न मिलें तो यह हमारे देश और समाज के लिए खतरा बन जाते है। सरकार ने हाल ही के दिनों शिक्षा में अमूल - चूल परिर्वतन करने की कोशिश करी है जिससे यह बात तो साफ हो जाती है कि भारतीय भविष्य पर सरकार का ध्यान है। शिक्षा में सरकार ने ६वीं कक्षा से सेक्स शिक्षा देने वाली है। जो कि एक बहुत ही सराहनीय कार्य है। पर राजनीतिक पार्टियां अपने लाभ के लिए किसी भी हद तक गिरने के लिए तैयार हैं। जब बात देश के विकास की रफ्तार को तीव्र करने वाले युवा के हितों के लिए हो तो फिर क्या इस तरह के प्रदर्शन देश हित में हैं?
पर कुछ लोग देश की सभ्यता और संस्कृति का रोना रोते है पर अगर यही सोच के हम कोई परिवर्तन न करं तो क्या ये सब विकास सम्भव होता तो मेरा मानना है कि नहीं। समाज में बिना व्याह की मां की संख्या में बढोत्तरी हो रही है यह दुखद बात है। इस तरह यदि यह समाज इसी पथ अग्रसर रहा तो वह दिन दूर नहीं होगा जब भारत की तुलना अमेरिका जैसे देशों से होने लगेगीं । क्या हम सब ऐसा होते देखें या फिर कोई प्रयास कर इस समस्या के समाधान ढूढ़े। सेक्स की शिक्षा का भारत में बहुत दिनों छोटी कक्षाओं में चलाये जाने की कोशिश होती रही है पर उस प्रयास का जीवतं रूप हमारे आने वाला है। आज की मीडिया और टेलीविजन ने अपने बदलते स्वरूप में समाज को गिरावट का रास्ता पकडा दिया है। सेक्स की बात को बच्चे यदि सही तरह से नहीं जान पाते है तो हो सकता है कि वह गलत तरीके से जाने और जिसका वच्चों पर गलत प्रभाव हो इस लिए शिक्षा के माध्यम से सरकार इस सेक्स की जानकारी का वीणा उठाया है।

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