जन संदेश

पढ़े हिन्दी, बढ़े हिन्दी, बोले हिन्दी .......राष्ट्रभाषा हिन्दी को बढ़ावा दें। मीडिया व्यूह पर एक सामूहिक प्रयास हिन्दी उत्थान के लिए। मीडिया व्यूह पर आपका स्वागत है । आपको यहां हिन्दी साहित्य कैसा लगा ? आईये हम साथ मिल हिन्दी को बढ़ाये,,,,,, ? हमें जरूर बतायें- संचालक .. हमारा पता है - neeshooalld@gmail.com

Saturday, November 24, 2007

खामियां ही खामियां


हाल ही के बम विस्फोट इस बात के प्रत्यक्ष प्रमाण हैं कि विश्व के साथ ही साथ भारत भी आतंकी कार्यवाही का केन्द्र भारत बनता जा रहा है। सप्ताह भर पहले लखनऊ में जैश-ए-मोहम्मद के तीन आतंकवादी यदि न धरे गये होते तो हमारे सामने एक बडी़ घटना की पुनरावृत्ति अवश्य ही देखने को मिलती।परन्तु इतनी कडी़ सुरक्षा होते हुए भी शुक्रवार को दोपहर बाद जिस तरह से क्रमिक विस्फोट हुए उससे यह बात साबित हो जाती है कि हमारी सुरक्षा व्यवस्था को और चुस्त दुरूस्त करने की आवश्यकता है। उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री सुश्री मायावती ने केन्द्र को दोषी ठहराया तथा संसद में श्री शिवराज पाटिल द्वारा आतंकवाद के विस्तार को स्वीकार करना इस समस्या का समाधान नही हैं। सरकार के द्वारा हमारी गुप्तचर एजेंसी को दोष देने के अलावा कोई और विकल्प नजर नहीं आता है। पर क्या जो ये बयान जनता के सामने आते है। उससे जो निर्दोष लोगो की जानें गयी है क्या वापस आ जायेगी ,पर मजबूरी है कि और कर भी क्या सकते हैं।
काग्रेंस के महासचिव श्री राहुल गांधी जो को निशाना बनाये जाने की बात का खुलाशा होते की प्रशासन के पैरों तले जमीन ही खिसक गई पर कहां ऐसी क्या कमी हो जाती है कि ये आतकी चूहे हमारे घरों में बिल करके घुस जाते है शक की सुई सरकार और प्रशासन दोनों पर ही घूम जाती है।कही न कही तो चूक है । अन्यथा इतनी तादात में आतंकी संगठनों का देश में प्रवेश सम्भव नही हो सकता । हमारी गुप्त एजेंसी भी नाकाम हो जाती हैं कारं है देश का विस्तार। जहां तक अगर देश को आतंकी हमलों से बचाना है तो सतर्कता को और बढ़ाना ही होगा अन्यथआ ऐसे ही परिणाम सामने आते रहेगें।

No comments: