खिलखिलाती नदियाँ , मचलते सागर ,
ऊचाँ आसमान सब कहते हैं जीवन तुम्हारा है,
जिओ इसको भरपूर ।
जीवन के सफर में कभी हार है ,तो कभी जीत,
कभी डरकर न भागो इससे दूर,
समय बदलता है, हालात बदलते हैं,
पर जीवन का मूल नहीं बदलता,
चलते जाना ही जीवन की नियती है,
इसी पर निर्भर सारी परिस्थिती है,
सम्पूर्ण आनन्द यदि लेना है इसका,
तो हालात का सामना करना ही होगा,
जीवन के संग्राम में वही है विजेता,
जिसने इस बात को समझा कि-
जीतने से ज्यादा महत्व रखता है खेल खेलने की भावना,
पूर्ण समर्पण की भावना।
ऊचाँ आसमान सब कहते हैं जीवन तुम्हारा है,
जिओ इसको भरपूर ।
जीवन के सफर में कभी हार है ,तो कभी जीत,
कभी डरकर न भागो इससे दूर,
समय बदलता है, हालात बदलते हैं,
पर जीवन का मूल नहीं बदलता,
चलते जाना ही जीवन की नियती है,
इसी पर निर्भर सारी परिस्थिती है,
सम्पूर्ण आनन्द यदि लेना है इसका,
तो हालात का सामना करना ही होगा,
जीवन के संग्राम में वही है विजेता,
जिसने इस बात को समझा कि-
जीतने से ज्यादा महत्व रखता है खेल खेलने की भावना,
पूर्ण समर्पण की भावना।
मीनाक्षी प्रकाश
4 comments:
अच्छी बात कही आपने.
जीवन के सफर में कभी हार है ,तो कभी जीत,
कभी डरकर न भागो इससे दूर,
हौसला बुलंद कर देनेवाली एक सुंदर कविता.
बहुत बढिया! सही कहा है-
जीवन के संग्राम में वही है विजेता,
जिसने इस बात को समझा कि-
जीतने से ज्यादा महत्व रखता है खेल खेलने की भावना,
पूर्ण समर्पण की भावना।
बहुत सुन्दर आशावादी भाव ! जीवन के सफर मे राही मिल ही जाते हैं.... एक मीनाक्षी ने आज निराशा मे डूब कर एक रचना लिखी और दूसरी मीनाक्षी ने आशा का संचार कर दिया..
शुभकामनाएँ
accha likha hai
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