ओये होये ......ओये होये , हो गये ना ...............आखिर हो गये ना पूरे सौ दिन । हो गयी सेंचुरी , लहरा लहरा कर यूपीएअपना बल्ला लहरा रही है पर दर्शक दीर्घा मूक बनी है । आखिर वह कैसे उत्साहित हो , कैसे खुशी मनाये ?
सरकार ने टी-२० के फार्मेट में अपनी दूसरी पारी में सौ दिन वाली पारी की शुरूआत की पर वह जानती है कि यह टेस्ट खेल रही है । उसकी परीक्षा १०० दिन की नहीं है बल्कि कई प्रमुख समस्याओं से है जिसमें सरकार की पूरी परीक्षा ली जायेगी ।
इस शतक के दौरान सूखा देखा , महंगाई देखी , प्रधानमंत्री की शर्म - अल - शेख की शर्म भी देखी , उत्तर प्रदेश की राजनीतिक जंग देखी । सरकार जिस तेजी से दौड़ रही है उसका कारण है कि लेफ्ट वाला ब्रेकर इस बार नहीं है , सिग्लन हरा है । वैसे सरकार ने मैदान पर चौके , छक्के तो न लगा सकी पर धीरे- धीरे किसी तरह से अपना विकेट बचाकर टिकी है ।
नारेगा को ही सरकार ने मूलमंत्र बनाया है जिससे वह दुबारा पारी की शुरूआत करने में सफल हुई । और नारेगा पर ही जान दे रही है देश , सूखा , महंगाई के बीच दम तोड़ रहा है ऐसे में सौ दिन का ढ़िढोरा पीटने से काम न चलेगा । जरूरी है कि इन विषयों पर गहनता से विचार किया जाये ।
6 comments:
गहन विचार का विषय है ...
शीर्षक देखकर हमें लगा कि आपकी पोस्ट का शतक हुआ दिखता है.
सचमुच चिंतनीय !!
अभी तक हम नरेगा का सिर्फ इफेक्ट देख रहे है इसका साइड इफेक्ट कोई नहीं देख रहा , लेकिन जिन लोगों को गांवों में मजदूरों की जरुरत पड़ती है उन्हें पता है इस नरेगा का साइड इफेक्ट ! यह नरेगा गरीबी तो दूर करेगा या नहीं यह तो भविष्य के गर्त में है लेकिन भ्रष्टाचार व हरामखोरी को बढ़ावा जरुर दे रहा है ! लेकिन राजनैतिक दलों का इससे क्या ? उन्हें तो इसके सहारे सत्ता चाहिए |
बहुत सही,सहमत हूं आपसे।वैसे आपको पोस्ट का शतक पूरा होने की बधाई देने आया था।
बहुत सही ,चिंतनीय .
सही कहा "जरूरी है कि इन विषयों पर गहनता से विचार किया जाये ।"
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