हरियाणा के जिले रोहतक के एक गांव में एक लड़की ने अपने ही प्रेमी के साथ मिलकर अपने ही परिवार के सात लोगों की हत्या कर दी । लड़की का परिवार उसे अपने प्रेमी के साथ शादी करने की इजाजत नहीं दे रहा था , वजह थी कि वे दोनों एक ही गोत्र के थे । विवाह न हो पाने की स्थिति में लड़की नें एक अतिवादी कदम उठाया । पर लड़की के इस अपराध को किसी तरह जायज नहीं ठहराया जा सकता है । लेकिन यहां लड़की के गुनाह को देखने के लिए सामाजिक परिवेश को देखना जरूरी है । जिसने उस लड़की को इस स्थिति में ला दिया को वह ऐसा कुछ करने को तैयार हुई ।
हरियाणा में पिछले कुछ समय से एक ही गोत्र में विवाह को लेकर कई मामले जिसकी बहुत ही दुखद परिणति हुई । कई गांवों में गोत्र विवाद को लेकर या तो प्रेमी को मौत के घाट उतार दिया गया या प्रेमी की हत्या कर दी गयी । राज्य की जाति या खाप पंचायतें किसी भी तरह से ये प्रेम विवाह को रोकने में जुटी हैं और वे इस के लिए तमाम नियम कानून और मानवीयता की धज्जियां उड़ा रही हैं । और दुर्भाग्य की बात ये है कि प्रशासन तब तक हाथ पर हाथ धरे रहता है जब तक कि कोई दुर्घटना न घटित हो जाये ।
राजनीति से जुड़े लोगों में सामजिक मूल्यों की जड़ता को बदलने की दृढ़ इच्छाशक्ति ही नहीं है । अगर इसी तरह संगगोत्रीय विवाह हुए तो समाज में अराजकता फैल जायेगी । ऐसा इन पंचायतों का तर्क है । वैसे ये पंचायतें पुराने समय से चली आ रही हैं और अपने तरीके से समाज को चलाना चाहती हैं । समाज में कितना कुछ बदल गया है पर ये पंचायतें कुछ भी स्वीकार नहीं करना चाहती है । शिक्षा से गांवों की भी विचारधारा बदली है एक गोत्र अब ज्या मायने नहीं हैं । मोबाइल आज सभी कि पहुंच में है जिससे सुविधाएं बढीं है । और कुल मिलाकर एक खुला माहौल चाहता है आज का युवा । ऐसे में सत्य को स्वीकार करना होगा जिससे ऐसी घटनाएं कम हो सकें ।
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