आप हमेशा वही करते है जो आप को सही लगता है और कभी कभी किसी दुसरे के भी मन से कुछ करते है अगर वो राय या विचार आपको पसंद आये तब ? यह तो भाई आपकी अपनी निजता है ? इसमें किसी को क्या एतराज ? लेकिन नहीं एतराज होता है ....एतराज चार कठमुल्ले पकड कर कराया जाता है ....और एतराज तक तो बात हो तो ठीक है ...सीधे शानदार गालियों से पूजा अर्चना की जाती है ....साथ ही कहते है की " जिसे मय का पता न हो वो मयखाना क्या जाने ? बात तो उनके नजरिये से इस लिए भी ठीक है क्यूंकि .....चटका और कमेन्ट का थोक भाव से सौदा जो हुआ है ...कुछ तो नियम कानून का पालन करना ही होगा .......खुला मंच हो तो बहस नहीं मारपीट तक के लिए आखाडा बना लेना कोई बड़ी बात नहीं ...पर किसी पोस्ट से नया विवाद खड़ा करना कुछ दिल्ली वालों से सीख लो ......और न होतो मिस कॉल करके बात कर लो ....समझौता हो ही जायेगा .....आइये कुछ हत्कंडे दिखाता हूँ सम्मानित और ब्लोगिंग के सुधारको के ...जिन्हें आजकल बहुत चिंता है ...की खतरा कभी भी हो सकता है ? मौसम विभाग की तरह ही ये भी भगवान के चेले और यमदूत है जो चमत्कार को चमत्कार नहीं बल्कि नमस्कार को चमत्कार बना देते है ....तो क्यूँ न कुछ टिप्स ले लो ......वैसे भी ब्लॉग पर शादी कराना .........प्यार कराना ही बहुत सही दिशा में लिखी और मुद्दों की पोस्ट होती है ....ना ...सार्थकता तो चम्चेबाजी और चाटुकारिता में है .....बाजार में बेचो न अपना माल ....पर मैं क्यूँ करूँ तुम्हारी चाटुकारिता ...? अब देखो ये जिससे सभी चाह कर भी नहीं कह सकते ?
१...........आन लाइन होना ..............
ब्लोगर के लिए जरुरी है की जान पहचान हो जाये ...मोबाईल होतो बात भी हो जाये ..फिर क्या ? आप इन्टरनेट पर है और वो भी गलती से आन लाइन है तो ..इन्बिस्सिबल होते हुए भी चटका और कमेन्ट देने का आदेश कभी भी आ सकता है ...इस लिए सावधान होना आपके लिए घातक होगा .....क्यूंकि आपने कमेन्ट न दिया तो फिर गयी भैंस पानी में ....समझे न .....
२................ईमेल.......
सबसे अच्छा साधन है ईमेल ...जिसके लिए किसी के आनुमति की आवश्यकता नहीं है ...आराम से नेट से उठाया और चेप दी ईमेल .......अब ब्लोगर करे तो क्या करे ? जबरदस्ती तो देखो बार रोकने और कहने पर भी बाज नहीं आते ...अरे जब अच्छा लिखते हो तो कहे परेशान हो ...? वैसे भी आप सम्मानित है न ? तो फिर ये परेशानी का सबब क्यूँ? अच्छा ब्लॉग रैंक ज्यादा हो जाएगी .....न न न पढ़ लेगे और चटका भी लगा देगें ...अब तो jao भाई .... हो गया न काम ?
३.............निंदक नियरे राखिये ..............
कवीर दास ने कहा ...हमने बचपन से पढ़ा ..पर आज तो यथार्थ में भी दिख रहा है .....ब्लोगर के बीच विवाद को प्रयोजित किया जाता है या कराया जाता है .....आप तो इसको तुचछ मानते है न ...लेकिन दाल इससे ही गलाते हो .....लेकिन फिर भी सम्मानित ?
४................सम्मान करें हम ........ चलते चलते
आओ सम्मान करें हम ......साथ चलें हम .............बकवास करें हम ..........तू मेरा... मैं तेरा ...सुनियोजित विवाद करें हम .....आओ सम्मान करें हम ...
24 comments:
क्या ऐसा भी होता है
ये सारे टोटके तो झा जी एंड कंपनी आजमाती आई है.
yahan jaroori ye hona chahiye ki log apni kahe ne ki dusro ki kahi ko kahe , jab ye band hoga tabhi chatukarita band ho payegi
नीशू तिवारी ,
पिछले कुछ दिनों से लगातार देख रहा हूं कि आपकी पोस्टों पर जानबूझ कर या तो आप स्वयं या फ़िर कोई आपका ही परिवित अनाम मुझे इंगित करके टिप्पणियां करता है । जिन्हें सहेज कर रखने में निश्चित रूप् से आपकी सहमति होती है । आपकी सोच और आपकी पोस्ट , से मुझे कभी कोई शिकायत नहीं रही है , उस पर आपका अधिकार है । लेकिन यहां मैं आपको सिर्फ़ इतना बताने आया हूं कि मैं पिछ्ले दिनों आपकी पोस्टों पर और उन पर आई टिप्पणियों पर मुझ पर किए गए सभी आक्षेपों का स्नैप शौट लेकर रख रहा हूं । समय आने पर इनका उचित उपयोग किया जाएगा । और मुझे अपने मान सम्मान को बचाना आता है इतना सक्षम तो मैं हूं ही , उम्मीद है कि आप इस बात को संजीदगी से लेंगे ।
@ अजय कुमार झा
जितने स्नैपशॉट आपने लिये हैं या लेंगे उनकी प्रति मुझे भी भिजवाने का कष्ट करें
aapki post padh kar accha lagta hai ..kyunki aapne bina kisi se dare huye sari baat likhi hai ....bahut kam hi log hai jo chatukar nahi hai ..meri pahli pasand ....................neeshoo tiwari
so plZ aise hi likhte rahen ...pichli kuch post aapko bura bhala kaha gya ...jisne kaha wo pahle apna daman de le to hi accha hoga .........
apka lekh pad kar kphi maja aaya ...
एक ब्लॉग बनाया , २-४ पोस्ट महीने मे लिख ली शुरू मे फिर ना मुद्दा , ना मुद्दे का अता पता । फिर भी ब्लॉगर हैं वाह , ब्लॉग मीट हुई पहुच गये , अब तो भैया , रजिस्टर्ड ब्लॉगर हो गये । मुद्दा न हो तो क्या , ६ महीने से कोई पोस्ट भी ना आयी हो तो क्या और अगर आयी भी हैं तो दुसरो कि पोस्टो कि चर्चा , फिर भी अधिकारी हैं हिंदी ब्लोगिंग कि लाइन और लेंथ तय करने के । चाय समोसे का जुगाड़ कर दो , कोल्ड ड्रिंक पिला ने का जुगाड़ कर दो बिना पैसे के ५० लोगो का संगठन बना लो ।
हाँ संघटन !!! को विघटन होने मे दो चार पोस्ट ही चाहिये ।
oh snap shots can help to lap up a case the i should be keeping all the snap shots where people have written on me and have allowed comments which are derogatory . good idea
yes not only snap shots, but the posts written to defame others can also be used for filing a case , although it is not covered under indian evidence act . But in todays circumstances court are giving much importance to the electronic evidences also . you are free to snap those comments ,but keeping in mind the posts written by you also to demoralise others.
झा साहब, क्या आपको नहीं लगता कि आप "ओवर-रिएक्ट" कर रहे हैं…? अंग्रेजी फ़िकरा है - कूल मैन कूल…। थोड़ा और विचार कीजिये प्लीज़…
झा तो ओवर रिएक्ट करेगा ही. इस एक आदमी के कारन आयेदिन ब्लौगिंग में व्यवधान होता रहत है. कोई इसकी और इसकी मित्रमंडली की कारगुजारियों का पर्दाफाश कर सके तो सब सामने आ जायेगा.
नीशू, तुम्हारी पोस्टों को जिस तरह से समर्थन मिल रहा है उससे यहं क्लियर हो जाता है की अभी भी अधिकांश लोग हिंदी ब्लौगिंग को किसी भी तरह के संगठन समेलन पुरस्कार वितरण और ऐसी ही सारी चूतियाई से मुक्त रखना चाहते हैं.
.
.
.
प्रिय नीशू,
फालतू और फिजूल का विवाद पैदा करती-बढ़ाती एक अनावश्यक पोस्ट...
THUMBS DOWN from me!
कुछ सार्थक पोस्ट लिखो.. इस तरह कुछ लोग तो कुछ दिन तक ब्लॉग पर आ जायेंगे पर बाद में ये नुस्खा भी ना चलेगा तुम्हारा.. और बाद में खुद ही बेनामी के नाम से टिप्पणी लिखनी-लिखवानी पड़ेगी..
demoralise others.
or defame and malign others ????
and what will be courts reaction when a post comes only after someone elses post
what will be the court reaction when a post is written to gather comments against someone by actual name
what will be reaction of court where date of birth wedding and other details are put on blogs without taking prior permission from the person and not removed even when requested via email
are law makers on blogs have laws applicable universally or are laws being used time and again to threaten a person
lets ua not forget the law does not permit to threaten any one just because you are lawyer
tiems are changing so stop threatening others TAKING ADVANTAGE OF LAW BECAUSE YOU HAPPEN TO BE ASSOCIATED WITH A LAWYER OR ARE ONE YOUR SELF .
NO COURT OF LAW PERMITS THIS AND IF YOU MIS USE YOUR POWER AND THREATEN OTHERS THEN THAT ITS IS PUNISHABLE
सार्थक और नीशू। अब तो ये अपनी पोस्टों पर हगने और मूतने का काम कर रहा है। यह मानसिक तौर पर बीमार हो चुका है और ऐसों का कोई इलाज नहीं हो सकता। ये तो दूसरों को भी बिगाड़ने के लिए खुद ही फर्जी बिना नाम के कमेंट कर करके , अंग्रेजी और हिन्दी झाड़ रहा है। इसके जैसे लोगों को जरूर एक संगठन बना लेना चाहिए विघटन नाम से। जितने कमेंट करे और कराए जाते हैं ये खुद इसके ही होते हैं। इसने ही मुझे कहा है कि ऐसा ही कमेंट करो। नाम तो हो नहीं सका मेरा। बदनामी में ही नाम कमा लूं। जय मरघट बाबा की।
ठीक कहा एक राविन्द्र प्रभात है दूसरे जाकिर रजनीश है पुरुस्कार बांटते रहते है फिर अपनी फोटो चिपका के ब्लॉग के साइड बार में लगा देते है .ढपोर शंख ताऊ है ओर अम्मा जी अजय झा सबको मालूम है .सबसे ज्यादा सम्मलेन -मिलन शायद झा ने ही कराये होगे .सबसे ज्यादा ब्लोगिंग में रोना भी इन्होने ही रोया होगा .टंकी पे चढ़कर उतरना ,ब्लोग्वानी का बहिष्कार करके फिर वापस आना अपने मोबाइल नंबर तो तो ब्लोग पे लिख रखे है ऐसे प्रचार के भूखे है दुनिया को बद्लेगे ब्लोग्वानी बंद हो जाएगी तो दिलका दौरा पहले इन्हें पड़ेगा .कुल मिलकर अगर पिछले छह महीने देखे जाए तो गंदगी उन्ही के द्वारा फैली है .गुट भी इनका है ओर रोना भी इनका .समझ नहीं आता लिखो पढो यहाँ कौन सा चाचा बुआ मामा मामी का रिश्ता निभाना है निभाने के लिए बाहर की दुनिया है
ठीक कहा एक राविन्द्र प्रभात है दूसरे जाकिर रजनीश है पुरुस्कार बांटते रहते है फिर अपनी फोटो चिपका के ब्लॉग के साइड बार में लगा देते है .ढपोर शंख ताऊ है ओर अम्मा जी अजय झा सबको मालूम है .सबसे ज्यादा सम्मलेन -मिलन शायद झा ने ही कराये होगे .सबसे ज्यादा ब्लोगिंग में रोना भी इन्होने ही रोया होगा .टंकी पे चढ़कर उतरना ,ब्लोग्वानी का बहिष्कार करके फिर वापस आना अपने मोबाइल नंबर तो तो ब्लोग पे लिख रखे है ऐसे प्रचार के भूखे है दुनिया को बद्लेगे ब्लोग्वानी बंद हो जाएगी तो दिलका दौरा पहले इन्हें पड़ेगा . अगर पिछले छह महीने देखे जाए तो गंदगी उन्ही के द्वारा फैली है .गुट भी इनका है ओर रोना भी इनका .समझ नहीं आता लिखो पढो यहाँ कौन सा चाचा बुआ मामा मामी का रिश्ता निभाना है निभाने के लिए बाहर की दुनिया है
ठीक कहा एक राविन्द्र प्रभात है दूसरे जाकिर रजनीश है पुरुस्कार बांटते रहते है फिर अपनी फोटो चिपका के ब्लॉग के साइड बार में लगा देते है .ढपोर शंख ताऊ है ओर अम्मा जी अजय झा सबको मालूम है .सबसे ज्यादा सम्मलेन -मिलन शायद झा ने ही कराये होगे .सबसे ज्यादा ब्लोगिंग में रोना भी इन्होने ही रोया होगा .टंकी पे चढ़कर उतरना ,ब्लोग्वानी का बहिष्कार करके फिर वापस आना अपने मोबाइल नंबर तो तो ब्लोग पे लिख रखे है ऐसे प्रचार के भूखे है दुनिया को बद्लेगे ब्लोग्वानी बंद हो जाएगी तो दिलका दौरा पहले इन्हें पड़ेगा . अगर पिछले छह महीने देखे जाए तो गंदगी उन्ही के द्वारा फैली है .गुट भी इनका है ओर रोना भी इनका .समझ नहीं आता लिखो पढो यहाँ कौन सा चाचा बुआ मामा मामी का रिश्ता निभाना है निभाने के लिए बाहर की दुनिया है
aapki post padh kar accha lagta hai ..kyunki aapne bina kisi se dare huye sari baat likhi hai ....bahut kam hi log hai jo chatukar nahi hai ..meri pahli pasand ....................neeshoo tiwari
yahan jaroori ye hona chahiye ki log apni kahe ne ki dusro ki kahi ko kahe , jab ye band hoga tabhi chatukarita band ho payegi
जलने वाले जलते रहें
हम ब्लागरो को अपनि जेब से समोसे खिलाता हूं, तो किसी को बुरा क्यो लगता हे। अबे चिरकुट नीशु तुझे तो कोर्ट मे घसीटना पड़ेगा
Post a Comment