तुम्हारी बातें मुझको सता रहीं हैं,
तुम्हारी यादें दिल को रूला रहीं हैं।
तुम्हारी वो हर एक अदा जिस पे मरते थे हम,
गम में भी मुझको हंसा रही है।।
अब तो यादें ही हैं-
तुम्हारा वो मुझसे झगड़ना,
तुम्हारा वो मुझसे रूठना ,
तुम्हार वो बिन मनाये मान जाना ,
और फिर
तुम्हारा वो मझको मनाना,
तुम्हारा वो मझको हंसाना बिन बातों के,
अब तो बस बातें ही है तुम्हारी
और
यादें हैं तुम्हारी ।
चाहें ये सतायें ,
चाहे ये रूलाये
और
मुझको ये ही हंसाये ।
तुम्हारी ये बातें।।
12 comments:
bahut badhiya.. sidhaa dil tak utarne vaala..
मुझे याद आता है वोह जमाना
मेरा निक्कर में और तुम्हारा फिराक में आना
तुम्हारा हँसना और मुझे रुलाना
झगड़ना, रूठना फीर मान जाना
जब माँ ने मेरी दुल्हन बनने को कहा तो तुम्हारा शर्माना
एक दीन जब मुझे सजा मिली तो घर से चुरा कर मुझे खाना खिलाना.
आज तुम्हे भी वोह सब याद आता होगा. तुम मेरे सपने में आती हो में भी जरुर ख्यालों में आता हूँगा.
यह सभी यादें हमारी जिन्दगी की धरोहर हैं
जिसकी कोई कीमत नहीं फीर भी मनोहर हैं
आओ फीर उस ही दूनिया में वापस चलें
जहाँ तुम हो मैं हूँ पर घडी ना चले
बुझ जाये सारे दीये अंधियारी रात हो
तुम्हारे चाँद से चहरे से घूँघट हटाता मेरा हाथ हो
फिर ना दिन हो ना रात हो समय थम जाये जब तुमसे मुलाकात हो
badiya kaam kar rahe ho dost ..............keep going
बहुत प्यारी कविता ......
neeshu ji,
badhiya likha hai,isi tarah likhte rahein.keep it up..
यह सच है कि इन्सान के जीवन के साथ यादे हम्मेशा जुडी रहती है और कुछ खास यादे जीवन के अंत तक नहीं मिटती|
निशु , तुमने अच्छी कोशिश कि है| भावो को और थोडा ज्यादा घुन्टोगे तो काव्य अंदर तक छू लेगा|
बहुत प्यारी से कविता
बचपन कि हसीन यादो
से भरी बाते याद दिलाती है
उसपर dr mittal shir keishana कि कविता का जुड़ना
दिल को छू गया
अच्छा है भाई. सरल. सहज. बहुत बढ़िया.
bahut achchi kavita likhi hai
is rachna se do logon k ek dusre k prati pyaar aur samarpan ka sajeev chitran hua hai.mujhe bahut khushi hui aaapki is kavita ko padhkar.dhanyawaad............
kya aap sab khud hi likhte hain???
likhte hain to aap ki kalam wakaye majboot hai. waise mai bhi kuch likha karta hoon, aap meri website par parhein meri hasya kavitain----
www.manaskhatri.mywebdunia.com
manas khatri
mujhse orkut par bhi mil sakte hain....
Bilkul thik kaha aapne. Sab aapke aasirvaad se meri tuti footi rachnaen hain jub se blog banaya lagbhag 150 ho chuki hain. Pustk ki tyaari hai. aap se prarthna krunga aap mere blog pr kadam daalen bhulibisriyaaden.blogspot.com aur aashirvaade deven
aapka
Dr. Shri Krishan Mittal
manaskha has left a new comment on the post "तुम्हारी बातें , तुम्हारी यादें":
kya aap sab khud hi likhte hain???
likhte hain to aap ki kalam wakaye majboot hai. waise mai bhi kuch likha karta hoon, aap meri website par parhein meri hasya kavitain----
www.manaskhatri.mywebdunia.com
manas khatri
mujhse orkut par bhi mil sakte hain....
Post a Comment