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Saturday, July 31, 2010

तुम मुझे यूँ भुला न पाओगे.........(मो. रफी)...........इस महान गायक को श्रद्धांजलि


वो जब याद आये बहुत याद आये .....और तुम मुझे यूँ भुला न पाओगे जैसे स्वर्णिम गीत को अपनी आवाज देने वाले मो. रफी की आज ३०वीं पुण्यतिथि है....रफी जी ने पिछले चार दशक में करीब २८ हजार गानों को अपनी आवाज दी ....गीत 'चाहूँगा मैं तुझे सांझ सबेरे' के लिए रफी साहब को पहला फ़िल्म फ़ेयर अवार्ड मिला ....जिससे प्यारे लाल की धुनें आज भी हम सब के कानों में रस घोलती है..........रफी जी का जानी वाकर के लिए गाना ""सर जो तेरा चकराए या दिल डूबा जाए" पूरी तरह से उन्हीं के रंग में रंगा है....और शास्त्रीय संगीत में तो रफी का जवाब ही नहीं ...........शायद ही अब इस जहाँ में कोई दूसरा रफी हो ........इस महान गायक को श्रद्धांजलि..........वाकई रफी साहब को हम नहीं भुला सकते ............

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