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Friday, April 4, 2008

आगमन बारिश का........


रिमझिम-रिमझिम
किश्तों -किश्तों में बारिश,
नई स्फूर्ति,
नया उत्साह ,
एकदम धुला-धुला सा आसमां,
एक मुट्ठी किरण,
कुछ सौधी सी ,
मिट्टी की महक,
मन जागा-जागा सा,
कुछ और नहीं ,
ये आगमन है,
बारिश का।।

8 comments:

vinodbissa said...

आपकी कविता ''आगमन बारिश का........'' बारिश के मोसम का अहसास करा गई ॰॰॰॰॰ अच्छा लगा पढ़कर ॰॰॰॰ शुभकामनायें॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰

विश्व दीपक said...

अद्भुत!!!

बधाई स्वीकारें\

-विश्व दीपक ’तन्हा’

रश्मि प्रभा... said...

बचपन की दौड़,
नई उम्र की अंगडाई.....
चाय की चुस्की....
इस सोंधी खुशबु ने सब सजीव कर डाला.....

Dr SK Mittal said...
This comment has been removed by the author.
Dr SK Mittal said...

नया उत्साह ,

एकदम धुला-धुला सा आसमां,एक मुट्ठी किरण,
कुछ सौधी सी ,मिट्टी की महक,
मन जागा-जागा सा,कुछ और नहीं ,
ये आगमन है,बारिश का।।

किसान का सोच
देख कारे कारे बदरा मौर मुताबिक नाच रहा
मन एक किसान का जो सोच सोच मुस्कुरा रहा

यह कड़कती बिजली नहीं उपरवाले का वरदान है
बादल बरसे तो समझो पूरे होगए अरमान है

कल तक जो मिटटी बुरी लगती थी आज लगे प्यारी
महक सौंधी, फसल फूली, भरती दिखती है कोठियारी

छम छम करती आती का उसे इन्तजार है
आज खाना लेकर आती रमणी से नहीं उसे तो बरसात से प्यार है

GIRISH JOSHI said...

....एकदम धुला-धुला सा आसमां,

सुंदर शब्दचित्र बनाया है कविने|

एक मुट्ठी किरण,

एक पंक्ति में बदलो से भरे दिन और सूर्य का आभाव जताया है|

कुछ सौधी सी ......

अरे भाई इस खुश्बू से अच्छी कोई खुश्बू है क्या दुनिया में?
सब कुछ तो सुंदर है और ऐसे में मन में भाव हिल्लोर ना ले तो ही आश्चर्य|
यही बात बहुत ही सुंदर तरीके से कह गए है भाई श्री निसू|

surabhi said...

नई स्फूर्ति,
नया उत्साह ,
एकदम धुला-धुला सा आसमां,
एक मुट्ठी किरण,
कुछ सौधी सी ,
मिट्टी की महक,
मन जागा-जागा सा,


बरसात के अहसास
से भरी शब्द कि लायबधता अच्छी लगी
यू ही लिखते rahana
पर बात कहू बुरा न मानना
इस बे मोसम बरसात को
शब्दों कि माला न दो
उन किसानों कि
गेहू कि फसल जो
खेत पर पकी खडी थी
जो उसके घर
साल भरी खुश हाली लाती
वो घर अब उदासी से भरी दिये
इस बे मोसम बरसात ने

KRAZZY said...

Is bemausam barsaat ka jitne achhe tarike se varnan hua hai laga ise padhte hue baarish ka ehsas saath hi me ho gaya.bahut hi sunder rachna hai.