जन संदेश

पढ़े हिन्दी, बढ़े हिन्दी, बोले हिन्दी .......राष्ट्रभाषा हिन्दी को बढ़ावा दें। मीडिया व्यूह पर एक सामूहिक प्रयास हिन्दी उत्थान के लिए। मीडिया व्यूह पर आपका स्वागत है । आपको यहां हिन्दी साहित्य कैसा लगा ? आईये हम साथ मिल हिन्दी को बढ़ाये,,,,,, ? हमें जरूर बतायें- संचालक .. हमारा पता है - neeshooalld@gmail.com

Tuesday, December 23, 2008

क्या है ये जिंदगी

क्या है ये जिंदगी
चलती है कुछ यूँ ही,
सारे हैं रास्ते
जिस पर मंजिल चली,
बातें होती रही
रातें सोती रही
सामने उनके है कुछ मजबूरियां
पास हैं फिर भी कुछ दूरियां,
कुछ ऐसी है ये जिंदगी,

1 comment:

राज भाटिय़ा said...

क्या है ये जिंदगी
हां भाई यही है जिन्दगी
बहुत सुन्दर कविता लिखी है आप् ने
धन्यवाद