जन संदेश
Wednesday, April 7, 2010
एक जवान = १० लाख (हो सकता है ये भी न मिले ) .....सरकार aap सो जाओ
नक्सलियों द्वारा सेना पर हुआ हमला पूरी तरह से नियोजित था .....लेकिन क्या ऐसी चूक हुई की देश के सबसे बड़े हमले को रोका न जा सका ....सरकार ने नक्सल समस्या से निबटने के लिए भले ही अभी तक लाख कोशिशे की हो लेकिन इस वारदात से हकीकत सामने आ गई और सरकार की पोल खुल गयी....नक्सल समस्या को अगर सर्कार आतंकवाद की तरह देखेगी तो शायद ही आसानी से इससे निबटा जा सके .....वैसे तोः बातचीत के रस्ते अब बंद ही होते जा रहे हैं ऐसे में अब नक्सल समस्या को कैसे ख़तम किया जायेगा .....
भारत के लगभग २२ राज्यों में यह समस्या अपने पांव पसर चुकी ह...जिसमे युवा वर्ग अपनी भागीदारी दे रहा वहहै .....या ये कहना गलत न होगा की आने वाला समय और भी भयानक होने वाला वहहै जिसके लिए हम सभी तैयार रहे .......
७६ जवान को हम आज खो चुके हैं यानी एक जाने की कीमत १० लाख रुपया .....सरकार तो किसी भावनात्मक पहलु की तरफ ध्यान न देगी लेकिन जिसने अपना पति , और जिसने अपना बेटा खोया वहहै आखिर आज उसके पासक्या वहहै इस्सका जवाब .........हम तो खबर पढ़ कर भोल जायेगे लेकिन जिसने अपना सब कुछ खोया वहहै उसकी भर पाई कौन और कैसे करेगा ? यह सवाल हर हमले के बाद आता वहहै लेकिन हमले से पहले कभी नहीं ? साडी की साडी रणनीति बेकार हो जाती वहहै जब हम सफल नहीं होते ......आम जनता तो ऐसे ही मरती वहहै और मरती रहेगी लेकिन ऐसी समस्या की जिम्मेदारी कौन लेगा ? और हाँ क्या हम परिवारों के चिराग को वापस कर सकते वहहै ? सबसे महतवपूर्ण सवाल यही हैं ..सर्कार से हम अब क्या उम्मीद करें ? बार बार हमले होने क बाद भी जब सोई हुई वहहै ........कुलमिला कर एक जवान बराबर १० लाख अगर मिले तो क्यों की यह जरुर भी भी नहीं है ...
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3 comments:
बहुत दुखद घटना..सरकार से तो क्या उम्मीद की जाये.
सरकार के समझना चाहिए हम सरकार है औऱ देश के विकास में हमे ही सहयोग करना है ..............................
why india is against tamil community?why india supported racist srilanka,which is cleaning up tamil community there?
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