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Monday, January 25, 2010

वीर शहीद- कविता

"साख से टूट जायें वो पत्ते नहीं हैं हम ,
आंधियों से कह दो कि औकात में रहा करे।।"



गर्व है उन पर राष्ट्र को,
जो आज प्राप्ति हैं वीरगति को,

गूंजती है तालियां नाम पर उनके,

आखें छलकती हैं साहस पर उनके।



क्या
जोश था इन वीरों का ?
जो सामने से ये लड़े,

न खौफ था मौत का ,

न डरे लड़ते रहे ,
अन्तिम सांस तक ,
वीरता के साथ ही,
वीरगति को प्राप्ति की।।
उल्लास है, हर्ष है

खामोश सा हवाओं में
दर्द तो है हमें ,
ये शहीद
और गर्व है भारती को ,
कारनामा जो तुमने किया,

शत-शत नमन करता है भारत ,

जो ऐसे बेटों को जन्म दिया ।।



शहीदों को समर्पित

1 comment:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

गणतन्त्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!

नया वर्ष स्वागत करता है, पहन नया परिधान ।
सारे जग से न्यारा अपना, है गणतंत्र महान ॥