जन संदेश

पढ़े हिन्दी, बढ़े हिन्दी, बोले हिन्दी .......राष्ट्रभाषा हिन्दी को बढ़ावा दें। मीडिया व्यूह पर एक सामूहिक प्रयास हिन्दी उत्थान के लिए। मीडिया व्यूह पर आपका स्वागत है । आपको यहां हिन्दी साहित्य कैसा लगा ? आईये हम साथ मिल हिन्दी को बढ़ाये,,,,,, ? हमें जरूर बतायें- संचालक .. हमारा पता है - neeshooalld@gmail.com

Wednesday, February 27, 2008

उनकी एक झलक पाने की ख़ातिर

उनकी एक झलक पाने की ख़ातिर
हम नैन बिछाए रहते हैं
न जाने कब वो आ जाएं
इस कारण एक आँख राह में
और दूजा काम में टिकाए रखते हैं
इंतज़ार ख़त्म हुआ
उनका दीदार हुआ
सोचा था जब वो मिलेंगे हमसे
दिल की बात बयाँ करेंगे
अपने सारे जज़बात उनको बता देंगे
हाय ये क्या गजब हुआ
जो सोचा था उसका विपरीत हुआ
वो आए..थोड़ा सा मुस्कुराए
और कह दी उन्होने ऐसी बात
जिससे दिल को हुआ आघात
कहा उस ज़ालिम ने
मेरा हमदम है कोई और
मेरी मंज़िल है कोई और
बस कहने आया था दिल की बात
फिर होगी अगले बरस मुलाकात

No comments: