बादलों की गडगडाहटा,
पक्षियों की चहचहाहट।
हवा की सरसराहट,
और
मेंढक की टरटराहट।
दोस्तों ये यूं ही नहीं
बल्कि मानसून का स्वागत है।।
पत्तों की खरखराहट,
भास्कर की शर्माहट।
प्रियतमा की अकुलाहट,
और
मोर की थिरकावट।
दोस्तों ये यूं ही नहीं है
बल्कि मानसून का स्वागत है।।
सांसों की हडबडाहट,
चेहरे की वो बनावट।
मिलने की चुलबुलाहट,
और
इश्किया घबराहट।।
दोस्तों ये यूं ही नहीं है
बल्कि मानसून का स्वागत है।
पक्षियों की चहचहाहट।
हवा की सरसराहट,
और
मेंढक की टरटराहट।
दोस्तों ये यूं ही नहीं
बल्कि मानसून का स्वागत है।।
पत्तों की खरखराहट,
भास्कर की शर्माहट।
प्रियतमा की अकुलाहट,
और
मोर की थिरकावट।
दोस्तों ये यूं ही नहीं है
बल्कि मानसून का स्वागत है।।
सांसों की हडबडाहट,
चेहरे की वो बनावट।
मिलने की चुलबुलाहट,
और
इश्किया घबराहट।।
दोस्तों ये यूं ही नहीं है
बल्कि मानसून का स्वागत है।
No comments:
Post a Comment