tag:blogger.com,1999:blog-4058741992995012637.post7250721502177043880..comments2023-11-05T03:58:59.215-08:00Comments on मीडिया व्यूह: हमने दिन दहाड़े किये देवी दर्शन कीर्तन में ........हमारा भारत और अंधविश्वासी लोगAnonymoushttp://www.blogger.com/profile/16883786301435391374noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-4058741992995012637.post-58989101191702631302009-04-03T06:06:00.000-07:002009-04-03T06:06:00.000-07:00नीशू जी, मैंने ऐसे देवी दर्शन कई बार किये है .मुझे...नीशू जी, मैंने ऐसे देवी दर्शन कई बार किये है .<BR/>मुझे तो लगता है की इसमें सच्चाई कम और , अन्धविश्वास ज्यादा होता है .आलोक सिंहhttps://www.blogger.com/profile/00082633138533183604noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4058741992995012637.post-24856810134831351602009-04-02T10:28:00.000-07:002009-04-02T10:28:00.000-07:00जयंत जी मैं देवी आना और इस तरह के कीर्तन को अंधविश...जयंत जी मैं देवी आना और इस तरह के कीर्तन को अंधविश्वास मानता हूँ । मनोरंजन तक हो तो ठीक है । लोग कहते हैं कि कोई पूर्ण आस्तिक और नास्तिक नहीं हो सकता पर मैं नास्तिक मानता हूँ खुद को । इस लिए ऐसा लिखा । यह कीर्तन मेरे मात्र मनोरंजन भर था ।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/16883786301435391374noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4058741992995012637.post-5958529294346627372009-04-02T10:22:00.000-07:002009-04-02T10:22:00.000-07:00"घूमने फिरने का शौकीन नहीं पर कभी-कभी मूड बन जाये ..."घूमने फिरने का शौकीन नहीं पर कभी-कभी मूड बन जाये तो मौसम का मजा ले लेते हैं । ..... <BR/>संयोग वश आंटी अपने रिश्तेदार जोकि नोएडा के सेक्टर १२ में रहते हैं के यहां कीर्तन में जाने के लिए तैयार हो रही थी । <BR/>....<BR/>रिश्तेदार के यहां पहुंचे तो कीर्तन शुरू हो चुका था । आंटी वहीं बैठ गयी । मैं और उनका लड़का दोनों उपर जाकर रूम में बैठ जलपान करने लगे । कुछ देर बाद आंटी ने पनी बेटी को भेज कहलवाया कि हम दोनों नीचे आकर कीर्तन में बैठे । मजबूरन जाना हुआ ( मेरा इन सब अंधविश्वासों में बिल्कुल भी भरोसा नहीं ) ।"<BR/><BR/><BR/>इन पंक्तियों तक आपने सिर्फ भजन-कीर्तन की बातें की हैं.. और एकदम से "मेरा इन सब अंधविश्वासों में बिल्कुल भी भरोसा नहीं" वाली बात..<BR/>क्या आपका मतलब कीर्तन अंधविश्वास है??<BR/>कृपया साफ़ करें?<BR/>मैं समझ सकता हूँ की "देवी आना" अंधविश्वास माना जा सकता है... पर कीर्तन?? वोह तो सिर्फ प्रभु का नाम लेना है... उसे "अंध" विश्वास कहना समझ नहीं आता है..<BR/><BR/>धन्यवाद<BR/>~जयंतजयंत - समर शेषhttps://www.blogger.com/profile/13334653461188965082noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4058741992995012637.post-83350477320565664102009-04-02T09:38:00.000-07:002009-04-02T09:38:00.000-07:00जय हो!!जय हो!!L.Goswamihttps://www.blogger.com/profile/03365783238832526912noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4058741992995012637.post-33462018701798017052009-04-02T08:44:00.000-07:002009-04-02T08:44:00.000-07:00bahut mazedaar lagi yah ghatnaa..sangeeta ji ki ba...bahut mazedaar lagi yah ghatnaa..<BR/>sangeeta ji ki baat bahut sahi hai..gaur kiya jaye..Alpana Vermahttps://www.blogger.com/profile/08360043006024019346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4058741992995012637.post-37611667356079608112009-04-02T08:38:00.000-07:002009-04-02T08:38:00.000-07:00मुझे समझ में नहीं आता कि देवी मां को प्रकट होना ही...मुझे समझ में नहीं आता कि देवी मां को प्रकट होना ही है तो सशरीर प्रकट क्यों नहीं होती ? उन्हें दूसरों के शरीर का सहारा क्यों लेना पडता है ?संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4058741992995012637.post-26008922571873050522009-04-02T05:50:00.000-07:002009-04-02T05:50:00.000-07:00भगवान दूध पीते हैं आपने सुना होगा । महान भारत और य...भगवान दूध पीते हैं आपने सुना होगा । महान भारत और यहां कि जनता जो भी हो जाये वही कम है। आप ने जीवंत दर्शन कर मजे लिये क्या बात है ।हिन्दी साहित्य मंचhttps://www.blogger.com/profile/13856049051608731691noreply@blogger.com