tag:blogger.com,1999:blog-4058741992995012637.post4937539834439186668..comments2023-11-05T03:58:59.215-08:00Comments on मीडिया व्यूह: क्या मर रही है ब्लागिंग???............एक विचारAnonymoushttp://www.blogger.com/profile/16883786301435391374noreply@blogger.comBlogger68125tag:blogger.com,1999:blog-4058741992995012637.post-7517000599629139162012-12-14T13:54:16.595-08:002012-12-14T13:54:16.595-08:00… Unbelievable , but I just found software which c...… Unbelievable , but I just found software which can do all hard work promoting your neeshooalld.blogspot.com website on complete autopilot - building backlinks and getting your website on top of Google and other search engines 1st pages, so your site finally can get laser targeted qualified traffic, and so you can get lot more visitors for your website. <br /> <br />YEP, that’s right, there’s this little known website which shows you how to get to the top 10 of Google and other search engines guaranteed. <br /> <br />I used it and in just 7 days… got floods of traffic to my site... <br /> <br />…Well check out the incredible results for yourself - <br />http://autopilot-traffic-software.com <br /> <br />I’m not trying to be rude here, but I believe when you find something that finally works you should share it… <br /> <br />…so that’s what I’m doing today, sharing it with you: <br /> <br />http://autopilot-traffic-software.com <br /> <br />Take care - your friend GeorgeAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4058741992995012637.post-87516689053873828372010-05-29T10:43:49.240-07:002010-05-29T10:43:49.240-07:00@ राजकुमार सोनी
सोनी जी मैंने तो खूब प्रयास किया...@ राजकुमार सोनी<br /><br /><br />सोनी जी मैंने तो खूब प्रयास किया। नीशू जी से बात करने की भी कोशिश की है पर उनसे बात नहीं हो सकी है या वे नहीं करना चाहते होंगे। फिर गांधी जी ने कहा है कि सोते हुए को जगाया जा सकता है परन्तु जो सोने का बहाना कर रहा है उसे नहीं जगाया जा सकता। तो सोनी जी ये तो बहाना करने वालों में से हैं कि लोगों का इस बहाने इन पर ध्यान तो जाएगा ही। और बचपने में अगर यह ऐसा कर रहे हैं तो इनका कसूर नहीं है। सिर्फ आपकी टिप्पणी देखकर मैं यहां कहने आया हूं अन्यथा तो इनको और इनके जैसे अच्छे और सभ्य लोगों को इग्नोर करने का तरीका बिल्कुल जायज है और सभी को वही अपनाना चाहिए।अविनाश वाचस्पतिhttps://www.blogger.com/profile/05081322291051590431noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4058741992995012637.post-21594702401145710172010-05-19T07:14:39.689-07:002010-05-19T07:14:39.689-07:00वैचारिक तौर पर लड़ाई-भिंडाई तो होती रहनी चाहिए। इस...वैचारिक तौर पर लड़ाई-भिंडाई तो होती रहनी चाहिए। इस लड़ाई-भिंडाई में आपको यह ध्यान तो रखना ही होगा कि आप कहां खड़े है किसके साथ खड़े है। <br />पक्षधरता के समय सिर्फ और सिर्फ इस बात का ख्याल रखा जाता है कि वास्तव में किसकी नीयत सही है और किसकी नहीं। कौन ज्यादा सुलझा हुआ है और सरल तथा साफ है। आपकी पोस्ट को पढ़ते-पढ़ते यहां तक आ गया हूं।<br />लोगों की टिप्पणियों को देखकर लग रहा है कि सबने खूब धींगामस्ती की है। इस धींगामस्ती में वे लोग भी शामिल है जिनका नाम ब्लागजगत बड़े आदर के साथ लेता है।<br />कुछ ऐसे लोग भी है जो हमेशा यह अच्छी सलाह ही देते हैं कि भाई तुम तो किसी पचड़े में मत पड़ो।<br />पोस्ट की भाषा तो संतुलित है लेकिन टिप्पणियों की भाषा को देखकर कुछ लोगों का विचलन संभव है। मुझे यह सब सहज इसलिए लगता है क्योंकि साहित्य की जो वर्तमान धारा है वहां इससे ज्यादा खौफनाक चल रहा है।<br />हां आपकी पोस्ट पर आई टिप्पणियों को देखकर मुझे उन भाषा वैज्ञानिकों की याद आ रही है जो मेरी पिछली दो-तीन पोस्टों पर तिलमिला उठे थे। तब सबको यही लग रहा था कि मैं असभ्य भाषा का प्रयोग कर रहा हूं। धन्य है आप लोग।<br />भाषा के रक्षकों, संस्कृति की रक्षा की गुहार लगाने वाली देवियों अब आप लोग चुप क्यों है।<br />ओह समझा.. आप बोलते भी तब है जब आपको अपनी पोस्ट ऊपर चढ़ानी होती है। बहती गंगा में हाथ-पांव के साथ शरीर धोने वालो लेक्चर पिलाना बहुत आसान होता है।राजकुमार सोनीhttps://www.blogger.com/profile/07846559374575071494noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4058741992995012637.post-30819633699571828932010-05-19T07:04:20.805-07:002010-05-19T07:04:20.805-07:00हम अपने लिए लिखे ....अपनी भावना व्यक्त करें ...किस...हम अपने लिए लिखे ....अपनी भावना व्यक्त करें ...किसी प्रकार से मतभेद के बीज न बोयें ....ताकि भाईचारा कायम रहे ...कोई किसी से असभ्य भाषा में बात न करे...<br />...yahi blogging ke udeshya hona chahiye... bilkul sahi aapne...<br />Saarthak lekh aur chintan ke liye bahut dhanyavaadकविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4058741992995012637.post-27487489293623944812010-05-19T06:21:25.215-07:002010-05-19T06:21:25.215-07:00@ neeshoo
आपके द्वारा दी गई प्रतिक्रिया के बाद म...@ neeshoo <br /><br />आपके द्वारा दी गई प्रतिक्रिया के बाद मेरी पिछली टिप्पणी की आवश्यकता नहीं रह गई है अत: उसे हटा रहाAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4058741992995012637.post-74143889273668432662010-05-19T06:17:01.040-07:002010-05-19T06:17:01.040-07:00कल पोस्ट लिखने के बाद आज आकर देखा तो बात बहुत हद त...कल पोस्ट लिखने के बाद आज आकर देखा तो बात बहुत हद तक बिगडी हुई लगी ....बेनामी से भी बहुत कुछ गलत कहा गया . जिसको हटा देना ही उचित समझता था सो हटा दिया . आरोप और चेतावनी दोनों का स्वागत है ...आप बिलकुल स्वतंत्र है ...जो कुछ भी मैंने लिखा है वह मेरा अपना विचार है जिस पर मैं कायम हूँ ... <br />आप सभी के विचार जानकर अच्छा लगा ...Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/16883786301435391374noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4058741992995012637.post-72932250762815283482010-05-19T04:57:50.739-07:002010-05-19T04:57:50.739-07:00मुझसे कहा जा रहा है बताने के लिए इसलिए यहाँ एक साम...मुझसे कहा जा रहा है बताने के लिए इसलिए यहाँ एक सामान्य सी बात लिख रहा कि आईपीसी की धारा-499 के तहत नेट के जरिये किसी को परेशान करने या अपशब्द कहने पर केस दायर किया जा सकता है। <a href="http://adaalat-en.blogspot.com/2009/07/ipc-499-defamation.html" rel="nofollow"> अधिक जानकारी यहाँ है</a>लोकेश Lokeshhttps://www.blogger.com/profile/12218007406634430572noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4058741992995012637.post-20000401925479073692010-05-19T04:11:10.361-07:002010-05-19T04:11:10.361-07:00This comment has been removed by a blog administrator.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4058741992995012637.post-43656189683935485842010-05-19T02:01:59.712-07:002010-05-19T02:01:59.712-07:00This comment has been removed by the author.honesty project democracyhttps://www.blogger.com/profile/02935419766380607042noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4058741992995012637.post-86600403944011437032010-05-19T01:59:12.637-07:002010-05-19T01:59:12.637-07:00This comment has been removed by a blog administrator.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4058741992995012637.post-52618917942687117382010-05-19T01:23:26.139-07:002010-05-19T01:23:26.139-07:00Mithilesh dubey
wo to mujeh bhi dae rahey haen a...Mithilesh dubey <br /><br />wo to mujeh bhi dae rahey haen aur aap ki bhasha ko salamAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4058741992995012637.post-77331758907713583122010-05-19T01:19:34.200-07:002010-05-19T01:19:34.200-07:00@रचना जी
बन्द करिए अपनी बकवास और उल जुलूल बातें ...@रचना जी <br /><br />बन्द करिए अपनी बकवास और उल जुलूल बातें , बेनामी किसी को गाली दे रहा है और आप उसे सार्थक करार दे रही हैं , ।Mithilesh dubeyhttps://www.blogger.com/profile/14946039933092627903noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4058741992995012637.post-44625164519699912812010-05-19T01:14:04.475-07:002010-05-19T01:14:04.475-07:00अगर इस ब्लॉग पर कोई काउंटर हैं तो सारे आ ई पी पुब्...अगर इस ब्लॉग पर कोई काउंटर हैं तो सारे आ ई पी पुब्लिश कर दो ताकि लोगो को पता लगे कि मैने यहाँ कितने अनाम कमेन्ट दिये हैं । वैसे देखने कि बात हैं कि भारतीये संस्कृति के उपासक , ब्लोगिंग को परिवार मानाने वाले मेरे एक सही कमेन्ट से इतना तिलमिला जाते हैं कि अपनी मानसिकता को दिखने मे एक पल नहीं लगाते हैं<br /><br />काश सारे आ ई पी पुब्लिश होते इस पोस्ट के<br /><br /><br />हाँ कमेन्ट एक भी मत डिलीट करना ये आग्रह हैं तुम्हारी पोस्ट के विषय को सार्थकता प्रदान कर रहे हैं । जो तुमने कहा हैं यहाँ आये कमेन्ट ने वही सब साबित कर दिया हैंAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4058741992995012637.post-3521941389132361912010-05-19T01:03:22.340-07:002010-05-19T01:03:22.340-07:00लेख की प्राथमिकता तो गर्त में चली गयी , ये प्रतिक्...लेख की प्राथमिकता तो गर्त में चली गयी , ये प्रतिक्रियाएं हमें ही हमारे अपनों की असलियत और हमारे संस्कारों की नींव को दिखा रही है. किसी को अपमानित करना हो तो बेनामी बन जाओ और जितनी भी अपने घर में बड़ों से गालियाँ सुनीं हों सब दे डालिए. तालियाँ बजने वाले तो बैठे ही हैं. खुद ही लिखिए और खुद ही वाहवाही करिए.<br /> जो दिन के उजाले में निकलना नहीं जानते वे बेनामी होते हैं और ऐसे लोगों की टिप्पणियों को या तो डिलीट कर देनी चाहिए या फिर इतनी हवा नहीं देनी चाहिए कि अच्छे खासे आलेख की गहराई अपना अर्थ ही खो दे. अरे इन गालियों को बोलने के लिए आपका अपना ब्लॉग है शौक से और चारछह जोड़ कर पोस्ट करिए लेकिन दूसरे कि पोस्ट पर बकवास न करिए.<br />ब्लॉग जगत कि भलाई चाहे, न चाहे तो अपनी भावनाएं अपने तक ही सीमित रखे. या फिर साहस करें और खुले आम बोले.रेखा श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4058741992995012637.post-49923911001509520382010-05-19T00:49:58.925-07:002010-05-19T00:49:58.925-07:00मेरे विचार से ब्लॉग आत्म-अभिव्यक्ति का एक माध्यम ह...मेरे विचार से ब्लॉग आत्म-अभिव्यक्ति का एक माध्यम है,... आमतौर पर लोग स्वान्त:सुखाय लिखते हैं... इसे इस बात से नहीं जोड़ना चाहिए कि कितने लोग इसे पढते हैं और कितने लोग नहीं. बस लिखते रहना चाहिए, आप अच्छा लिखेंगे और दूसरों का उत्साहवर्धन करेंगे तो लोग आपको पढ़ने लगेंगे... यहाँ मैं रंजना जी की बात से सहमत हूँ ...<br />ये बातें तो एक तरफ लेकिन नीशू जी अगर आपके मन में नारी समाज के लिए ज़रा सा भी सम्मान है, तो कृपया ऐसी घृणित टिप्पणियाँ हटा दें --- इनको प्रकाशित करके एक तरह से आप इनका समर्थन कर रहे हैं ... <br />-Anonymous said...<br />आखिर लोमड़ी अपनी खाल उतार आ ही गयी<br />-चिट्ठाचर्चा said...<br />एक जारूरी सूचना. यह anonymous रचना है. और ऊपर कमेन्ट देकर गयी है. सब लोग इस प्यासी कुतिया का बहिष्कार करो. इस को कोई **ड दे दे, बहुत दिनों से प्यासी है.<br />-Anonymous said...<br />pyaasi hoon main aaj karane do na plz<br />Anonymous said...<br />are kutiya hai ya lomdi,phaisla to kar do<br />-Anonymous said...<br />uh aah ouch<br />-Anonymous said...<br />sardar jab daalegaa tab brand yaad aayegaa.muktihttps://www.blogger.com/profile/17129445463729732724noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4058741992995012637.post-63699928557438504472010-05-19T00:11:56.300-07:002010-05-19T00:11:56.300-07:00ब्लॉग लिखने वाले लोग किसी अन्य गृह के प्राणी नहीं ...ब्लॉग लिखने वाले लोग किसी अन्य गृह के प्राणी नहीं ...यहीं इसी दुनिया के हैं,जिन्हें मुफ्त में एक ऐसा माध्यम हाथ लग गया है जिसे जैसा चाहे वैसा इस्तेमाल कर सकते हैं, निर्भीक होकर....<br />तो लोग कर रहे हैं...अपने अपने संस्कार और सामर्थ्य के हिसाब से...<br />अब इसमें हमें यह करना है कि जहाँ तक हो सके गलत, अहितकारी चीजों से दूर रह सकारात्मक करने का प्रयास करते रहें..लेखन केवल दूसरों के लिए ही नहीं होता, अपने लिए ही सर्वप्रथम होता है और फिर यदि उसमे जन कल्याणकारी कुछ भी होगा तो देर सबेर वह लोगों तक पहुंचेगा ही...<br />तो जैसे अपने जीवन का ध्येय स्वयं को सही रखते हुए कईयों के हित हेतु कर्म करना है,वैसे ही लेखन का उद्देश्य भी व्यापक हित होना चाहिए और इस मार्ग में जो भी बाधा आये ,उससे विचलित नहीं होना चाहिए...रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4058741992995012637.post-7336484644280407552010-05-18T23:06:04.991-07:002010-05-18T23:06:04.991-07:00This comment has been removed by a blog administrator.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4058741992995012637.post-39390820848073190032010-05-18T23:04:01.077-07:002010-05-18T23:04:01.077-07:00This comment has been removed by a blog administrator.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4058741992995012637.post-58349031386923174502010-05-18T23:02:10.099-07:002010-05-18T23:02:10.099-07:00This comment has been removed by a blog 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