tag:blogger.com,1999:blog-4058741992995012637.post3782699596594290930..comments2023-11-05T03:58:59.215-08:00Comments on मीडिया व्यूह: एक पत्र जिसने अनेक ब्लागरों की समस्या को उठाया है ............................... समीर लाल जी यहां भी छाये हुए हैं क्या बात है ?Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/16883786301435391374noreply@blogger.comBlogger19125tag:blogger.com,1999:blog-4058741992995012637.post-12854590751521821022009-03-13T21:08:00.000-07:002009-03-13T21:08:00.000-07:00भैया कहाँ भागे जा रहे हो एं ..............भला ये भ...भैया कहाँ भागे जा रहे हो एं ..............भला ये भी कोई बात हुई एंअनिल कान्तhttps://www.blogger.com/profile/12193317881098358725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4058741992995012637.post-26408024751362197692009-03-12T22:34:00.000-07:002009-03-12T22:34:00.000-07:00अरे ये क्या ! क्या हो गया ।लिखते रहें ।अरे ये क्या ! क्या हो गया ।<BR/>लिखते रहें ।mamtahttps://www.blogger.com/profile/05350694731690138562noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4058741992995012637.post-5721061499430509652009-03-12T10:12:00.000-07:002009-03-12T10:12:00.000-07:00नीशू जी, दूसरों को हतोत्साहित करके और दुःख पहुंचाक...नीशू जी, दूसरों को हतोत्साहित करके और दुःख पहुंचाके आनंद लेने वाले दुष्ट लोग हर क्षेत्र में हैं और ब्लॉगजगत भी इसका अपवाद नहीं है. अगर इनसे डरकर हार मान लेते तो आज गांधी, गांधी नहीं होते, लिंकन लिंकन नहीं होते, आंबेडकर, आंबेडकर नहीं होते. इन टिप्पणियों को अपनी ताकत बनाएं और बेहतर लिखने का प्रयास करें, यही हमारा कर्तव्य होना चाहिए. कहते हैं न - निंदक नियरे राखिये...................<BR/><BR/>और फिर यहाँ जो लोग नामी ब्लोगर हैं वही कौन से प्रेमचंद, दिनकर या शेक्सपीयर हैं जो हमें हीन भावना हो. मस्ती से लिखते रहें. जब मेरे जैसे पिद्दी लेखक यहाँ टिके हुए हैं तो आप तो बहुत अच्छा लिखते हैं.Satish Chandra Satyarthihttps://www.blogger.com/profile/09469779125852740541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4058741992995012637.post-34253158283764285932009-03-12T10:09:00.000-07:002009-03-12T10:09:00.000-07:00हम तो धार्मिक है जी, टिपियाते रहेंगे, आप तो कार्मि...हम तो धार्मिक है जी, टिपियाते रहेंगे, आप तो कार्मिक है कर्म करते रहिए:)चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4058741992995012637.post-54969602614200370252009-03-12T09:56:00.000-07:002009-03-12T09:56:00.000-07:00हम भी पचास के आँकड़े में योगदान के लिए चले आए । अब ...हम भी पचास के आँकड़े में योगदान के लिए चले आए । अब तो मान जाइये , मनाने वालों का ताँता देखकर मन ही मन तो लड्डू फ़ूट रहे होंगे ।sarita argareyhttps://www.blogger.com/profile/02602819243543324233noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4058741992995012637.post-15378994097900008562009-03-12T08:45:00.000-07:002009-03-12T08:45:00.000-07:00नीशू जी जल्द लौटेंगे, इस प्रकार का श्मशान वैराग्य ...नीशू जी जल्द लौटेंगे, इस प्रकार का श्मशान वैराग्य मुझे भी पिछली होली पर हुआ था, लेकिन जल्दी ही मैं वापस आ गया था… नीशू जी की अगली पोस्ट तैयार ही है, बस भाई लोग जरा पचासेक टिप्पणियाँ दे दें तो वे लिखें… :) :) आओ नीशू भाई, आपका बेसब्री से इन्तज़ार है, यह "सन्यास" वाला कीड़ा प्रत्येक ब्लॉगर के जीवन में आता-जाता रहता है…Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/02326531486506632298noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4058741992995012637.post-16763244202382891682009-03-12T08:15:00.000-07:002009-03-12T08:15:00.000-07:00अरे भई ... सब लोग पढते हें आपको ... आप नाहक परेशान...अरे भई ... सब लोग पढते हें आपको ... आप नाहक परेशान हैं ... आज तो टिप्पणी मिल ही गयी ... अब तो जारी रखें।संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4058741992995012637.post-61789609713849875022009-03-12T07:33:00.000-07:002009-03-12T07:33:00.000-07:00भई अभी से हार मान बैठे........वैसे भी टिप्पणी न मि...भई अभी से हार मान बैठे........वैसे भी टिप्पणी न मिलने वाली आपकी समस्या तो अब खत्म हो चुकी है...अब देखिए न कितनी सारी टिप्पणियां आ चुकी हैं.......लगे रहिएPt. D.K. Sharma "Vatsa"https://www.blogger.com/profile/05459197901771493896noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4058741992995012637.post-5211056163887875972009-03-12T07:15:00.001-07:002009-03-12T07:15:00.001-07:00नीशू लिखना आपका अपना काम है, यह दिल हलका करने जैसी...नीशू लिखना आपका अपना काम है, यह दिल हलका करने जैसी बात है। जब तक इंसान दुनिया में है अपनी बात दूसरों को अवश्य सुनएगा लिखकर पढ़कर और अनेक माध्यमों से। आप अपने लिए लिखिए किसी बात की परवाह किए बिना।<BR/>अगर आपका मन खिन्न है टिप्पणी न मिलने से तो<BR/>१. मैं निश्चित तौर से कह सकती हूँ कि आपने सभी ब्लॉग नहीं पढ़े। मैं नाम नहीं लिखूंगी क्योंकि वह प्रचार का रुप है पै इतना अव्श्य कहूँगी कि कई सारे ब्लॉग शुद्ध ज्ञान फेंक रहे हैं जो मात्र ज्ञान सिद्धांत नहीं है बल्कि जीवन में कभी न कभी किसी न किसी रुप में व्यवहार में काम आने वाले है। मज़ेदारी यह है कि वहाँ टिप्पणी बहुत कम देखी जाती हैं।<BR/><BR/>२. टिप्पणी भी लोगों को वही अच्छी लगतीं है जो उनकी तारीफों के पुल बाँधे, अगर प्रतिकूल दे दी या किसी को महान न माना तो भी लोगों को अच्छा नहीं लगता है। <BR/>३.अगर लिखना स्वांत सुखाय और परमार्थ के उद्देश्य से है तो प्रतिक्रिया की अभिलाषा कम रह जाती है। लिखने का सुख लो। मन आत्मविश्वास से भर जाएगा टिप्पणी की परवाह नहीं होगी।<BR/>ये सब मेरे विचार हैं। आपको अच्छा न लगे तो हटा दीजिए और सहम्ति हो तो लिखते रहिए।प्रेमलता पांडेhttps://www.blogger.com/profile/11901466646127537851noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4058741992995012637.post-26008358221933905732009-03-12T07:15:00.000-07:002009-03-12T07:15:00.000-07:00रोको मत जाने दोरोको मत जाने दोअविनाश वाचस्पतिhttps://www.blogger.com/profile/05081322291051590431noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4058741992995012637.post-7513363993171811962009-03-12T07:07:00.000-07:002009-03-12T07:07:00.000-07:00neshoo bhai aapki avita hame behad achhi lagti hai...neshoo bhai aapki avita hame behad achhi lagti hai,haa kabhi samay abhav tippani nahi de pate magar padhte jarur hai.chahe tho break leke vapas aayiyega .mehekhttps://www.blogger.com/profile/16379463848117663000noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4058741992995012637.post-69165028099069217952009-03-12T06:23:00.000-07:002009-03-12T06:23:00.000-07:00ऐसी भी नाराजी क्या आप युवाओ से तो एक नई रह कि उम्म...ऐसी भी नाराजी क्या <BR/>आप युवाओ से तो एक नई रह कि उम्मीद है <BR/>हाँ पाठको से गलती हो गयी हो तो क्षमा करना <BR/>पर आप सा बेहतर लिख नहीं पाते शायद इसलिए टिप्परी देने से डरते हैsurabhihttps://www.blogger.com/profile/05785622182928490559noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4058741992995012637.post-477897719089549762009-03-12T06:17:00.000-07:002009-03-12T06:17:00.000-07:00कर्म का नशा पालो, धर्म का नहीं,लिखना कर्म है और टि...<B><BR/>कर्म का नशा पालो, धर्म का नहीं,<BR/>लिखना कर्म है और टिपियाना धर्म.<BR/></B>Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4058741992995012637.post-36574522752950815142009-03-12T06:15:00.000-07:002009-03-12T06:15:00.000-07:00इतनी शीघ्रता मत कीजिए। जरा इस दुनिया को कुछ दिन और...इतनी शीघ्रता मत कीजिए। जरा इस दुनिया को कुछ दिन और परखिए।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4058741992995012637.post-85510598709123797252009-03-12T05:44:00.000-07:002009-03-12T05:44:00.000-07:00kahin ye holi ka nazaak to nahin , media ko pata l...kahin ye holi ka nazaak to nahin , media ko pata lagne ke baad agle din hi news chhapti hai, ya tippni lene ka nayaab tareeka hai,bura na mane holi hai, belated mubarakbaad.<BR/><BR/>han seriously , main bhi mahender mishra ji se sahmat hun aap likhte rahen, aapka kaam hai karm karna, tippni dena blogges ke haath men hai.aap apna karm karte rahen.Yogesh Verma Swapnhttps://www.blogger.com/profile/01456159788604681957noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4058741992995012637.post-30614907653269116612009-03-12T05:35:00.001-07:002009-03-12T05:35:00.001-07:00काहे निशु भाई,आप तो अचानक एकदम सन्यसिया गए.या भांग...काहे निशु भाई,<BR/>आप तो अचानक एकदम सन्यसिया गए.<BR/>या भांग के नशे में पोस्ट लिख दिए : )<BR/>इस मेले से उब गए हैं तो थोडा इधर उधर घूम लीजिये<BR/>अंतरजाल पर और भी बहुत कुछ है. <BR/>ऐसा भी मत उबियाइयेSatish Chandra Satyarthihttps://www.blogger.com/profile/09469779125852740541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4058741992995012637.post-72065103008772959522009-03-12T05:35:00.000-07:002009-03-12T05:35:00.000-07:00भाई नीशू जीआपका यह सोचना सही नहीं कि आपको कोई पढ़त...भाई नीशू जी<BR/>आपका यह सोचना सही नहीं कि आपको कोई पढ़ता नहीं कोई तिपयाता नहीं है . भाई सभी पढ़ते है . हाँ एक बात जरुर कहना चाहूँगा कि कई जन समयाभाव के कारण टीप नहीं दे पाते है . लिखने में अपनी निरंतरता बनाए रखे और सतत अभिव्यक्ति करते रहे . मेरी शुभकामना आपके साथ है .<BR/>महेन्द्र मिश्र <BR/>जबलपुर.समयचक्रhttps://www.blogger.com/profile/05186719974225650425noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4058741992995012637.post-92091442813083307662009-03-12T05:06:00.000-07:002009-03-12T05:06:00.000-07:00लिखने से क्या नाराजगी भाई ..लिखने से क्या नाराजगी भाई ..आशीष कुमार 'अंशु'https://www.blogger.com/profile/12024916196334773939noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4058741992995012637.post-30899725298599622382009-03-12T05:01:00.000-07:002009-03-12T05:01:00.000-07:00अरे अरे, कहाँ चले भई?? भले मत टिपियाइये मगर जब कभी...अरे अरे, कहाँ चले भई?? भले मत टिपियाइये मगर जब कभी मन हो तो लिखते तो रहें. लिखना ज्यादा जरुरी है, इसे न रोकें. टिप्पणियाँ रोक दें अगर जी चाहे तो.<BR/><BR/>अगली पोस्ट का इन्तजार रहेगा-शुभकामनाऐं.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com